फिल्मों की पायरेसी को रोकने के लिए भारत की केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. इसके खिलाफ कारवाई के लिए नोडल ऑफिसर की नियुक्ती की गई है. इन ऑफिसर को पायरेटेड कंटेंट हटाने का अधिकार दिया गया है. यह निर्णय हाल ही में संसद में पारित सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक 2023 के बाद आया है.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि, 'हमने सूचना और प्रसारण मंत्रालय और CBFC में 12 नोडल ऑफिसर नियुक्त किए हैं, जिनके पास फिल्म चोरी से संबंधित शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं और 48 घंटों के भीतर कार्रवाई की जाएगी.'
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि, 'कंटेंट निर्माता अच्छा कंटेंट बनाने में बहुत समय और ऊर्जा खर्च करते हैं, जो लोग पायरेसी में शामिल होते हैं वे उस कंटेंट को ले जाते हैं. इससे इंडस्ट्री को सालाना 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है. पाइरेसी न केवल फिल्म इंडस्ट्री के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा है. अब, इसके खिलाफ कार्रवाई सिर्फ एक शिकायत दूर है.'
सूचना प्रसारण मंत्री ने नए कानून का हवाला देते हुए कहा कि पायरेसी में पकड़े जाने पर 3 लाख रुपए के नगद जुर्माना से लेकर 3 साल तक की जेल हो सकती है.
आपको बता दें कि पायरेसी के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसने के लिए सरकार ने बीते मानसून सत्र के दौरान सिनेमाटोग्राफ कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक पारित किया था.
ये भी देखिए: Mrunal Thakur जल्द करने वाली हैं साउथ एक्टर से शादी? जानिए पूरी खबर