सुपरस्टार धर्मेंद्र (Dharmendra) और शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) का बर्थडे एक ही दिन यानी 8 दिसंबर को होता है. दोनों स्टार्स का फिल्म इंडस्ट्री में काफी योगदान रहा है. उन्होंने कई फिल्मों में एक साथ काम भी किया है.
आज खास मौके पर आपकों कुछ शानदान फिल्मों के बारे में बताते हैं, जिसमें दोनों सितारों ने शानदार एक्टिंग की है. ये फिल्में आपको जरूर देखना चाहिए.
चुपके चुपके (1975)
ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में दोनों ने अमिताभ बच्चन और जया बच्चन के साथ स्क्रीन शेयर की है. फिल्म में सुलेखा की कहानी बताई गई है, जो अपने बहनोई से अपनी शादी को छुपाती है. शादी को छुपाने के चक्कर में कई ऐसी मजेदार घटनाएं होती है जो आपको हंसने पर मजबूर करती हैं. फिल्म में धर्मेंद्र शर्मिला के पति के किरदार में हैं जो राघव के यहां ड्राइवर बन कर जाता है.
एक महल हो सपनों का (1975)
इस फिल्म की कहानी में दिखाया गया है कि एक कवि के रुप में विशाल अपनी ईमानदारी के कारण नौकरी पाने के लिए संघर्ष करता है. वह टूट जाता है जब उसकी प्रेमिका किसी और से शादी कर लेती है. विशाल तब सभी महिलाओं से नफरत करने लगता है और कई गलत काम करता है.
यकीन (1969)
बृज सदाना द्वारा निर्देशित इस फिल्म में धर्मेंद्र डबल रोल में नजर आते हैं, जहां एक किरदार में खलनायक बने है. वैज्ञानिक राजेश एक गोपनीय रिसर्च प्रोजेक्ट पर भारत सरकार के साथ काम करता है और उसे उन बदमाशों और देश के दुश्मनों से निपटने के लिए मजबूर किया जाता है, जो उसका प्रोजेक्ट चुराना चाहते हैं.
देवर (1966)
मोहन सहगल के निर्देशन में बनी इस फिल्म में बचपन की सहेलियों की कहानी है, जो बिछड़ जाती हैं. फिर ससुराल में दोबारा मिलती हैं. फिल्म को शुरू में 1966 में ब्लैक एंड व्हाइट में रिलीज किया गया था और दो साल बाद कलर फिल्म में रिलीज़ किया गया था.
अनुपमा (1966)
ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता. फिल्म की कहानी में दिखाया गया है कि मोहन शर्मा का जीवन तब बदल जाता है जब मोहन की पत्नी बेटी को जन्म देने के बाद गुजर जाती है. बेटी का किरदार शर्मिला टैगोर ने निभाया है. बेटी उमा का जीवन तब बेहतर हो जाता है जब उसे धर्मेंद्र के किरदार में एक संवेदनशील कवि अशोक से प्यार हो जाता है.
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