Happy Birthday Javed Akhtar: गीतकार जावेद अख्तर किसी परिचय के मोहताज नहीं है, उनका करियर उनके टेलेंट के बारे में बहुत कुछ बताता है. जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी, 1945 को ग्वालियर में हुआ था. उन्हें सलीम खान के साथ पटकथा लेखक के रूप में पहचान मिली. सलीम-जावेद के नाम से मशहूर इस जोड़ी ने कुछ बेहतरीन फिल्मों के लिए यादगार कहानियां लिखीं.
जावेद अख्तर को हिंदी सिनेमा में उनके बेहतरीन योगदान के लिए 'अवध सम्मान' से नवाजा गया है. स्कूल में दूसरों के लव लेटर लिखने के लिए मशहूर जावेद अख्तर की लव लाइफ भी काफी इंट्रेस्टिंग है. पहले जावेद अख्तर की शादी एक्ट्रेस हनी ईरानी से हुई थी, जिनसे उनके दो बच्चे फरहान और जोया अख्तर हैं.
1970 के दशक में, वह कवि, लेखक कैफ़ी आज़मी के घर म्यूजिक सीखने जाते थे. जहां उन्हें कैफी आजमी की बेटी एक्ट्रेस शबाना आज़मी से प्यार हो गया. उस वक्त शबाना पढ़ाई कर रहीं थी.
जब कैफ़ी आज़मी को उनके रिलेशनशिप के बारे में पता चला, तो वह शुरू में इससे खुश नहीं थे क्योंकि जावेद अख्तर पहले से ही शादीशुदा थे. अख्तर के हनी ईरानी को तलाक देने के बाद, कैफ़ी आज़मी अपनी बेटी की शादी उनसे करने के लिए तैयार हो गए.
पटकथा लिखने के अलावा, जावेद ने 'सिलसिला', 'दुनिया' और 'सागर' समेत कई मशहूर फिल्मों के लिए सदाबहार गीत भी लिखे.
उन्हें 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा', 'जोधा अकबर', 'रॉक ऑन' और 'लगान: वन्स अपॉन ए टाइम इन इंडिया' जैसी फिल्मों के लिए बेस्ट गीतकार के अवॉर्ड से भी नवाजा गया.
जावेद अख्तर फिल्म और गानों के अलावा जनता से जुडे़ मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखते हैं. उन्होंने सांप्रदायिकता, सामाजिक अन्याय और महिलाओं के अधिकारों को लेकर कई कविताएं लिखी हैं. आइये एक नजर डालते हैं कुछ मुद्दों पर जिन पर जावेद ने अपनी आवाज बुलंद की.
जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया, तो यह दुनिया भर में सभी को इस खबर ने हिला कर रख दिया था. ट्विटर पर जावेद अख्तर ने तालिबान द्वारा अफगानी महिलाओं के घोर उत्पीड़न की भी कड़ी निंदा की और देश के हर एक नागरिक से इस भयानक घटना के खिलाफ कदम उठाने का आग्रह किया था.
जब तनिष्क विज्ञापन में एक इंटर रिलीजियस शादी के दिखाए जाने पर विवाद हुआ था और उसे 'लव-जिहाद' को बढ़ावा देने वाला बताया गया था. तब अख्तर ने ट्वीट कर कहा था कि कैसे हमारे समाज में महिलाओं को अधिकारों के साथ स्वतंत्र व्यक्तियों के बजाय संपत्ति के रूप में देखा जाता है.
2020 में हुए हाथरस गैंगरेप मामले के बाद, देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. राजनेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस घटना पर अपना गुस्सा जाहिर किया. जावेद अख्तर ने भी यूपी पुलिस की आलोचना की, जिसने पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार बिना परिवार की मौजूदगी और इजाजत के रात के अंधेरे में कर दिया. उन्होंने इस घिनौने अपराध के पीछे उनकी मंशा और समर्थन पर भी सवाल उठाया था.