जोया अख्तर (Joya Akhtar) और रीमा कागती (Reema Kagti) की 'द आर्चीज़' (The Archies) 7 दिसंबर को नेटफ्लिक्स को रिलीज होने के लिए तैयार है. इस फिल्म से शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की बेटी सुहाना खान (Suhana Khan) , अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के पोते अगस्त्य नंदा (Agastya Nanda) और बोनी कपूर (Boney Kapoor) की बेटी खुशी कपूर (Khushi Kapoor) बॉलीवुड मे डेब्यू कर रही है. अब बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद यानी नेपोटिज्म पर बहस फिर से शुरू हो गई है.
अब, जावेद अख्तर ने साहित्य आजतक 2023 में कहा कि जब कोई फिल्म निर्माता फिल्म बनाता है, तो वे अपने पैसे से व्यक्तिगत जोखिम लेते हैं. उनमें सरकार या किसी उद्योगपति का पैसा शामिल नहीं है, इसलिए उन्हें यह अधिकार है कि वे जिसे चाहें, बिना किसी सवाल के उन्हें कास्ट कर सकते हैं. जोया को निशाने पर लेने का पूरा अधिकार है, उनसे सवाल नहीं किया जाना चाहिए.
जावेद ने कहा कि जोया जोखिम ले रही है, यह उनका प्रोजेक्ट है और वह इसका सपोर्ट करते हैं. वहीं नेपोटिज्म पर कहा कि नेपोटिज्म वैश्विक स्तर पर मौजूद हो सकता है, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री पर यह अलग है, इंडस्ट्री में सफलता एक निष्पक्ष चुनाव की तरह है, व्यक्ति तभी सफल हो सकता है, जब दर्शक उसकी सराहना करते हैं. इसलिए किसी को स्टारडम के लिए मजबूर नही किया जा सकता.
जावेद ने आगे कहा कि फिल्म इंडस्ट्री के बारे में बात होती रहती है, नेपोटिज्म की, नेपोटिज्म फिल्म इंडस्ट्री में हो ही नहीं सकता. दुनिया में हर जगह हो जाए लेकिन यहां नहीं हो सकता.
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