बॉलीवुड के कवि और गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) अक्सर अपने बेबाक बयानों की वजह से सुर्ख़ियों में रहते हैं. वहीं एक बार फिर उनके एक बयान ने सभी के दिलों को छू लिया है. दरअसल जावेद राज ठाकरे के दीपोत्सव कार्यक्रम में पहुंचे थे. जहां उन्होंने कहा, 'राम और सीता सिर्फ हिंदू देवी-देवता नहीं हैं. यह भारत की सांस्कृतिक विरासत है. हालांकि मैं नास्तिक हूं फिर भी राम और सीता को इस देश की संपत्ति मानता हूं, इसीलिए यहां आया हूं.'
उन्होंने आगे कहा, 'रामायण हमारी सांस्कृतिक की विरासत है और यह आपकी रुचि का विषय है. मुझे इस बात का गर्व है कि मैं राम और सीता की धरती पर पैदा हुआ, जब भी हम मर्यादा पुरूषोत्तम की बात करते हैं तो राम और सीता ही याद आते हैं, तो आज से जय सियाराम.' इस दौरान गीतकार ने लोगों से 'जय सिया राम' के नारे लगाने को भी कहा.
सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने कहा, 'मैं लखनऊ से हूं.... बचपन में मैं ऐसे लोगों को देखता था जो अमीर थे, वे गुड मॉर्निंग कहते थे. लेकिन सड़क से गुजरता एक आम आदमी कहता था, जल सिया राम. इसलिए राम सिया को अलग-अलग सोचना पाप है.सिया राम शब्द प्रेम और एकता का प्रतीक है, सिया और राम एक ही थे.उन्हें जिसमे अलग किया वह रावण था. इसलिए जो उनके नाम को अलग करेगा वह रावण होगा.
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