Kiran Rao Reveals Advertising Helped Her Afford Living in Mumbai: फिल्म मेकर किरण राव को उनकी हालिया रिलीज फिल्म 'लापता लेडीज' के लिए खूब सराहना मिल रही है. इस बीच डायरेक्टर और आमिर खान की पूर्व पत्नी ने एक इंटरव्यू के दौरान अपने फिल्म मेकर बनने से पहले के सफर के बारे में बात की. किरण ने बताया कि फीचर फिल्मों में एक असिस्टेंड डायरेक्टर होने के बावजूद उनकी कमाई मुंबई जैसे शहर में रहने के लिए काफी नहीं थी.
पॉडकास्ट साइरस के एक एपिसोड के दौरान, किरण ने बताया मैं एक गिग वर्कर थी. जब काम आता था मैं करती, जब तक काम होता तो पैसे मिलते थे. उसके बाद अगली नौकरी की तलाश में लग जाती थी. इस दौरान मुझे ये चिंता रहती थी कि क्या मेरी बचत कुछ दिन चलेगी और अपने घर का किराया दे पाउंगी?'
इस दौरान जब किरण से पूछा गया कि लगान में काम करना तो आर्थिक रूप से मददगार होना चाहिए था? इसका जवाब देते हुए किरण ने बताया 'फीचर फिल्मों से पैसे नहीं मिलते थे. यह विज्ञापन ही था जिसने मुझे मुंबई में रहने के लिए पैसे दिए. लगान के साथ, पहली बार असिस्टेंट डायरेक्टर सिस्टम की शुरुआत हुई थी.' किरण ने बताया कि एडवर्टाइजिंग की कमाई से ही वो कंप्यूटर और कार जैसी सुपर महंगी चीजे खरीदने में सफल रहीं.
लगान में एक AD के रूप में अपने चुनौतीपूर्ण समय को याद करते हुए, किरण ने कहा, 'मुझे कॉफ़ी मिलती थी, अगर कुछ भी गलत होता तो मुझ पर चिल्लाया जाता था. मुझ पर लगातार चिल्लाया जाता था. रीमा कागती एक सख्त सेकेंडरी AD थीं, वह लगातार मेरे पीछे पड़ी रहती थीं. उन्होंने ही सारा काम किया.'
किरण ने आगे बताया कि 'हम चार असिस्टेंट डायरेक्टर थे जो एक विशाल सेट पर इधर-उधर भाग रहे थे. फिल्म को लाइव साउंड के साथ शूट किया गया था, 'लगान' ऐसा करने वाली पहली बड़ी फिल्मों में से एक थी.यह सब आउटडोर था, और हम हर चीज से बहुत दूर थे.'
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