Moushumi Chatterjee Facts: खूबसूरत चेहरा और दिलकश मुस्कान... हम बात कर रहे हैं वेटरन एक्ट्रेस मौसमी चटर्जी (Moushumi Chatterjee) की जो 70 और 80 के दौर में इंडस्ट्री की चर्चित एक्ट्रेस हुआ करती थीं. वो जितनी अच्छी एक्ट्रेस हैं उससे कहीं ज्यादा मशहूर उनकी शरारतों के किस्से भी हैं. आज हम आपको उनके कुछ ऐसे ही किस्सों के बारे में बताएंगे. क्या आप जानते हैं कि मौसमी को फिल्म की शूटिंग के दौरान कमरे में बंद करके रखा जाता था?
जी हां और इसकी वजह थी उनकी शरारत. दरअसल जब मौसमी सिर्फ 12 साल की थीं तब एक दिन मशहूर फिल्म मेकर तरुण मजूमदार की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने उसी वक्त मौसमी को अपनी बंगाली फिल्म 'बालिका वधू' के लिए चुन लिया. लेकिन मौसमी के पिता उनके फिल्मों में काम करने से इंकार कर चुके थे. किसी तरह उनके पिता को मनाया गया. आखिरकार मौसमी फिल्म के सेट पर पहुंचीं. 12 साल की मौसमी को सेट पर खूब अटेंशन मिली जिसे देख कर वो काफी खुश हुईं.
'जीना इसी का नाम है' शो के दौरान मौसमी ने बताया था कि 'दो दिन तक तो मुझे सब सही लगा लेकिन तीसरे दिन मुझे सब बोर लगने लगा. मुझे लगा कि इन सब के चक्कर में तो मेरा खेलना बंद हो जाएगा. बस फिर क्या था ये ही सोच कर में सेट से उन्ही कपड़ो में चुपके से निकल जाती थी. बस में बैठ कर बराबर वाले से पैसे लेकर कंडक्टर को दे देती थी और बुआ के घर पहुंच जाती थी. फिर मुझे सब वापस लाते थे और चॉक्लेट और गिफ्ट देते थे.'
'लेकिन कई बार ऐसा होने के बाद सब परेशान हो गए. उन दिनों थिएटर में एक शीशे वाला कमरा होता था. मेरे भाग जाने के कारण मुझे वहां लॉक करके रखा जाता था. शॉट के समय जो भी मुझे लेने आता था, पहले उसकी पिटाई होती थी. असल में मैं बदमाशी बहुत करती थी.' इतना ही नहीं उन्हें सेट पर कान पकड़कर खड़े रहने की सजा भी दी गई थी. मौसमी के बचपने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शादी के वक्त वो अपना डॉल हाउस और अपने कुछ खास खिलौने पति के घर साथ लेकर गईं थीं.
मौसमी चटर्जी (Moushumi Chatterjee) ने बॉलीवुड की उस विचारधारा को हमेशा के लिए बदल दिया था, जिसमें कहा जाता था कि, 'शादी के बाद एक्ट्रेसेस सक्सेसफुल नहीं हो पाती हैं.' दरअसल पहली बंगाली फिल्म 'बालिका वधू' के बाद महज 15 साल की उम्र में मौसमी की शादी उस वक्त के मशहूर संगीतकार जयंत मुखर्जी (बाबू) के साथ हो गई थी. पति और ससुर सेलिब्रेटी थे इसी वजह से उनके घर सभी स्टार्स आते जाते थे एक दिन बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर शक्ति सामंत उनके घर आए और उन्होंने मौसमी को 'अनुराग' फिल्म ऑफर की जिसे पहले तो एक्ट्रेस ने मना कर दिया लेकिन बाद में ससुर और पति के काफी कहने पर हा कर दिया.
इस फिल्म में उन्हें एक अंधी लड़की का किरदार निभाना था, जिसे अपने हीरो से प्यार हो जाता है. ये फिल्म उस वक्त सुपरहिट साबित हुई थी. इसके बाद उन्होंने 'रोटी, कपड़ा और मकान', 'स्वर्ग नरक', 'मांग भरो सजना', 'प्यासा सावन', 'ज्योति बने ज्वाला' और 'आनंद आश्रम' जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया.
हाल ही में 'द कपिल शर्मा' शो में भी मौसमी ने अपने करियर से जुड़े कई किस्सों पर बात की. उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ 'रिमझिम गिरे सावन' गाने की शूटिंग के समय को याद करते हुए एक किस्सा शेयर किया. उन्होंने बताया कि उस वक्त वॉटरप्रूफ मेकअप मौजूद नहीं था, इसलिए एक शॉट के बाद अमिताभ बच्चन के साथ-साथ वहां मौजूद हर व्यक्ति उन पर हंस रहा था, क्योंकि बारिश में उनका आईलाइनर खराब हो जाता और उनके गालों की लाली के साथ घुल-मिल जाता था. साथ ही गाने में उन्होंने जो हरी साड़ी पहनी थी, उसका रंग बारिश में लंबे समय तक भीगने के बाद उनके शरीर पर आ गया था.
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