Munawwar Rana Death: मशहूर शायर मुनव्वर राणा को लखनऊ के ऐशबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया. फिल्म लेखक व गीतकार जावेद अख्तर भी सोमवार को लखनऊ पहुंचे और मुनव्वर राणा के जनाजे को कंधा दिया. इस मौके पर जावेद साहब बहुत भावुक नजर आए और उन्होंने मुनव्वर राना के निधन को 'हिंदुस्तान की तहजीब का नुक्सान' बताया.
जावेद अख्तर ने कहा कि पहले राहत इंदौरी, फिर निदा फाजली और मुनव्वर राना जैसे शायरों के निधन से हिंदुस्तानी तहजीब 'धीरे-धीरे जा रही है.' उन्होंने कहा, 'इसकी भरपाई तो मुझे नहीं लगता कि हो पाएगी.' जावेद अख्तर ने मुनव्वर के परिजनों के लिए भी संवेदनाएं जाहिर की और कहा कि मुनव्वर 'याद आएंगे और उनकी कमी हमेशा रहेगी.'
मां पर कई गजलें लिखने के लिए मशहूर, शायर मुनव्वर राना का रविवार को लखनऊ में निधन हो गया. 71 साल की उम्र में अंतिम सांस लेने वाले मुनव्वर, देश के नामी शायरों में से एक थे. वो पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और लखनऊ के पी.जी.आई. अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.
26 नवंबर 1952 को रायबरेली में जन्मे राना को 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, पीएम नरेंद्र मोदी ने मुनव्वर राना के निधन पर सोमवार को शोक व्यक्त किया.
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा 'श्री मुनव्वर राणा जी के निधन से दुख हुआ. उन्होंने उर्दू साहित्य और कविता में समृद्ध योगदान दिया. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना. उनकी आत्मा को शांति मिले.'
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