तमिलनाडु सरकार की जांच में कहा गया कि एक्ट्रेस नयनतारा (Nayanthara) और उनके पति विग्नेश शिवन (Vignesh Shivan) ने भारत में सरोगेसी को नियंत्रित करने वाले किसी भी कानून को नहीं तोड़ा है. शादी के चार महीने सरोगेसी के माध्यम से अम्मा अप्पा बने नयनता और विग्नेश पर सरोगेसी कनून को तोड़ने का आरोप लगा था जिसके बाद तमिलनाडु सरकार ने कपल के ऊपर जांच बिठाई थी.
हालांकि राज्य सरकार की टीम को उनकी ओर से कोई गलती नहीं मिली है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पैनल ने बुधवार को दंपति को बरी करते हुए अपनी रिपोर्ट दे दी है. हालांकि, रिपोर्ट में सरोगेसी देने वाले अस्पताल को जिम्मेदार ठहराया गया है. 'द न्यूज मिनट' की एक रिपोर्ट के मुताबिक पैनल ने कहा, 'जब हमने दंपत्ति का इलाज करने वाले डॉक्टरों से जांच की तो पता चला कि दंपति के परिवार के डॉक्टर ने 2020 में सिफारिश का पत्र जमा किया था जिसके आधार पर कपल का ट्रीटमेंट शुरू हुआ था.
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राज्य सरकार ने कहा कि उन्होंने अभी तक फैमिली डॉक्टर से बात नहीं की है क्योंकि डॉक्टर भारत से बाहर रहते हैं. पैनल ने निजी तौर पर अस्पताल की कड़ी आलोचना की जिसने नयनतारा के रिकॉर्ड को यह कहते हुए बनाए रखा था कि रिकॉर्ड कीपिंग अनुचित थी, जिससे भ्रम और विवाद पैदा हुआ. इस मामले को लेकर विभाग ने अस्पताल को नोटिस जारी किया है.