एक्टर परेश रावल (Paresh Rawal) अपनी मां के अंतिम समय को याद करते हुए भावुक हो गए और एक्टर ने बताया कि कैसे इस घटना ने जीवन और मृत्यु के बारे में उनकी सोच को बदल दिया. परेश ने बताया जब उनकी मां कोमा में चली गईं तो वह असहाय महसूस कर रहे थे.
द स्लो इंटरव्यू सीरीज विद नीलेश मिश्रा को दिए इंटरव्यू में परेश ने कहा, 'जब मेरी मां गिर गईं थी तो वो 12 दिनों तक कोमा में रहीं. उनका इलाज करने वाला डॉक्टर मेरा एक अच्छा दोस्त था. मैंने उससे पूछा कि हमें क्या करना चाहिए. तो उन्होंने मुझसे कहा- परेश, वह लाइफ सपोर्ट पर है. वह जाग भी जाए तो किसी को पहचान नहीं पाएंगी. वह बूढ़ी है, वह सर्जरी से भी नहीं बच पाएंगी. उनके सिर में चोट लगी है. आप और इंतजार करके उनके जीवन को नहीं बढ़ा रहे हैं, आप उनकी मृत्यु को बढ़ा रहे हैं. प्लग खींचो. यह प्रैक्टिकल है, ये फैक्ट है.
परेश ने आगे कहा, 'लेकिन वह हमसे बहुत प्यार करती थी, उन्होंने हमें उस स्थिति में नहीं रखा, जहां हमें प्लग खींचना पड़े. हालांकि उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई. एक्टर ने बताया कि वह उस समय श्रीलंका में एक फिल्म की शूटिंग के लिए जाने वाले थे और जाने से पहले जब वह अपनी अनुपस्थिति में अपनी मां की संभावित मृत्यु की व्यवस्था करते हुए एक फॉर्म भर रहे थे तो वह बीच में ही रोने लगे. परेश ने भावुक होते हुए कहा कि, जिसने मुझे जीवन दिया है, उसके लिए मुझे यह निर्णय लेने का क्या अधिकार है?
ये भी देखिए: Sam Bahadur teaser: सैम मानेकशॉ की बायोपिक में Vicky Kaushal की झलक, सामने आई फिल्म की रिलीज डेट