भारतीय फिल्म 'ऑल वी इमेजिन ऐज़ लाइट' (All We Imagine as Light) ने 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में ग्रांड प्रिक्स अवार्ड जीता है. 'ग्रांड प्रिक्स पाल्मे', 'डी'ओर' के बाद फिल्म फेस्टिवल का दूसरा सबसे बड़ा अवार्ड है.
इस अवार्ड के साथ, कनी कुश्रुति, (Kani Kusruti) दिव्या प्रभा, (Divya Prabha) छाया कदम (Chhaya Kadam) और हृदय हारून स्टारर पायल कपाड़िया (Payal Kapadia) निर्देशित ये फिल्म कान्स में ग्रैंड प्रिक्स जीतने वाली पहली भारतीय फिल्म बन गई है.
दरअसल, फिल्म को कान्स 2024 में पाल्मे डी'ओर कैटेगरी के लिए नॉमिनेट किया गया था, लेकिन यह खास सम्मान जीतने से चूक गई और इस फेस्टिवल का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान जीतकर इतिहास रच दिया.
'ऑल वी इमेजिन ऐज़ लाइट' का प्रीमियर 2024 कान्स फिल्म फेस्टिवल में 23 मई को 'कॉम्पिटिशन सेक्शन' में हुआ. बता दें कि भारत की आखिरी फिल्म 1994 में शाजी एन करुण की 'स्वाहम' आज से 30 साल पहले कान्स में कॉम्पिटिशन सेक्शन नॉमिनेट हुई थी.
पायल कपाड़िया की लिखित 'ऑल वी इमेजिन ऐज़ लाइट' केरल की दो नर्सों - प्रभा (कानी कुसरुति) और अनु (दिव्यप्रभा) के इर्द-गिर्द घूमती है जो मुंबई के एक अस्पताल में कलीग और रूममेट्स होती हैं. जब प्रभा को अपने अलग हो चुके पति से एक अनएक्सपेक्टेड गिफ्ट मिलता है, तो उसकी डेली लाइफ की रूटीन में समस्याएं आने लगती है. वहीं उसी जगह उसकी रूममेट अनु अपने बॉयफ्रेंड के साथ टाइम स्पेंड करने के लिए मुंबई जैसे शहर में स्पेस ढूंढ़ती है.
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