Rajnikant: थिएटर से लेकर सोशल मीडिया तक रजनीकांत के लिए फैंस की दीवानगी सिर चढ़ कर बोलती है. उनकी कोई भी फिल्म रिलीज हो उससे पहले फैंस में रजनी फीवर चढ़ जाता है कि सड़कों पर भी इसका असर नजर आने लगता है. लोग उनके बड़े-बड़े कटआउट बनवाते हैं, उसपर माला चढ़ाते हैं, दूध से स्नान करवाते हैं. कुल मिला कर लोग रजनी की पूजा करते हैं और ये उनके फैंस का ही प्यार है कि जिसके चलते रजनी ने सन्यास लेने के फैसले पर विचार किया था.
शिवाजी राव गायकवाड़ के नाम से जन्मे रजनीकांत ने अपने फिल्मी करियर 1975 में आयी के बालाचंदर की तमिल फिल्म 'अपूर्वा रागंगल' से शुरू किया था. 1978 में आयी 'भैरवी' उनकी पहली सोलो तमिल फिल्म थी. इसके बाद एक से बढ़ एक फिल्में उन्होंने की. इसके बाद उन्होंने जो शुरुआत की उससे तो हम सब वाकिफ हैं लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब वो अपने करियर के पीक पर इंडस्ट्री को छोड़ना चाहते थे.
एक इंटरव्यू में पत्रकार चेय्यारु बालू ने रजनीकांत की जिंदगी जिंदगी से जुड़ी एक खास घटना शेयर की. उन्होंने बताया कि रजनीकांत ने एक बार परिवार और भौतिक संपत्ति को त्यागकर संन्यास लेने का फैसला किया. उन्होंने पत्नी लता को आश्रम में आध्यात्मिक सफर शुरू करने के अपने इरादे के बारे में बताया. पहले लता ने इसका कड़ा विरोध किया. हालांकि बाद में उन्होंने अपने पति के फैसले का समर्थन किया.
लेकिन जैसे ही उनके फैंस को इस खबर की भनक लगी उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया. इस दौरान सैकड़ों फैंस ने उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. एक क्रेजी फैन तो मिट्टी के तेल की कैन लेकर पहुंच गया और उसने ऐलान किया कि अगर रजनीकांत ने संन्यास लिया तो वह अपनी जान दे देगा. इन तमाम घटनाओं ने उन्हें अपने फैसले पर फिर से विचार करने के लिए प्रेरित किया.
सुपरस्टार रजनीकांत ने अपनी बेहतरीन अदाकारी और अनोखे अंदाज से सिर्फ साउथ इंडस्ट्री में ही नहीं बल्कि पूरे देश में पहचान बनाई है. फैंस एक्टर को भगवान की तरह पूजते हैं.