बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान (Shahrukh Khan) से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कहा कि मशहूर हस्तियों के पास दूसरे सभी नागरिकों की तरह अधिकार हैं. साल 2017 में फिल्म 'रईस' के प्रचार के दौरान वडोदरा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे आपराधिक मामला मानने से इनकार कर दिया है.
गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'इस आदमी (शाहरुख खान) का क्या दोष था? सिर्फ इसलिए कि वह एक सेलिब्रिटी हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि उनके पास कोई अधिकार नहीं है.'
कोर्ट ने आगे कहा, 'अगर कोई ट्रेन से सफर करता है, तो यह कोई व्यक्तिगत गारंटी नहीं है. एक सेलेब्रिटी को भी देश के हर नागरिक की तरह समान अधिकार हैं.' सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, 'वह (खान) एक सेलिब्रिटी हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह हर किसी को कंट्रोल कर सकते हैं. इसलिए ऐसे मामलों पर ज्यादा वक्त बर्बाद न करें, अहम मामलों पर ध्यान केंद्रित करें जो इस अदालत के ध्यान और समय के लायक हैं.'
क्या है पूरा मामला?
'रईस' की रिलीज के वक्त एक्टर शाहरुख खान अपनी प्रोडक्शन टीम के साथ फिल्म का प्रचार करने के लिए मुंबई से दिल्ली ट्रेन से ट्रेवल कर रहे थे. इस दौरान जब ट्रेन वडोदरा स्टेशन पर पहुंची तो शाहरुख की एक झलक पाने के लिए वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. इस भगदड़ में एक शख्स की मौत हो गई, जिसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया था.
Read More:- Shahrukh Khan और Vijay डायरेक्टर Atlee के बर्थडे पर दिखे साथ, क्या 'Jawan' में विजय करेंगे कैमियो?
हालांकि इसी साल अप्रैल में गुजरात हाईकोर्ट ने मामले को ये कहते हुए रद्द कर दिया था कि खान को आपराधिक लापरवाही का दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, और न ही यह कहा जा सकता है कि इस घटना का सीधा कारण वो ही थे. कोर्ट ने यह भी कहा कि खान के पास प्रमोट करने के लिए प्रशासन की इजाजत थी.
ये भी देखें : Vikram Vedha: Kareena Kapoor ने फिल्म को बताया- 'ब्लॉकबस्टर', राकेश रोशन ने भी की तारीफ