शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) ने अपने करियर की शुरुआत बेहद कम उम्र में सत्यजीत रे की 1960 की फिल्म 'देवी' से की थी और हाल ही में एक इंटरव्यू में, टैगोर ने शेयर किया कि रे ने उन्हें उनकी पहली फिल्म के लिए 5,000 रुपये फीस दी थी और उन्होंने उस पैसे से बहुत सारा सोना खरीदा था.
अनुपम गुप्ता के साथ यूट्यूब शो पैसा वैसा पर बातचीत में दिग्गज स्टार ने कहा, 'मैंने लाइफ में बहुत पहले ही कमाना शुरू कर दिया था. हालांकि फीस उतनी शानदार नहीं थी जितनी अभी है लेकिन फिर भी, चीज़ों की कीमत इतनी अधिक नहीं थी.'
शर्मिला ने फीस के बारें में भी खुलकर बताया और कहा कि फिल्म 'देवी' के लिए सत्यजीत रे ने उन्हें एक साड़ी, घड़ी और पांच हजार रुपए दिए थें. जिससे उन्होंने बहुत सारा गोल्ड खरीदा जैसे सोने की चूड़िया, हार और बालियां. एक्ट्रेस ने कहा कि उन दिनों के हिसाब से पैसे कम थे लेकिन चीजें भी इतनी महंगी नहीं थी.
शर्मिला अपने इस इंटरव्यू में कहती कि उन्हें बंगाली फिल्मों के लिए लगभग 10,000-15,000 रुपये का भुगतान किया जाता था, लेकिन उनकी पहली हिंदी फिल्म के लिए उन्हें 25,000 रुपये का भुगतान किया गया था. उनकी पहली हिंदी फिल्म 1964 की 'कश्मीर की कली थी', जिसका निर्देशन शक्ति सामंत ने किया था.
टैगोर ने याद किया कि उन्हें दोनों फिल्मों के लिए 25,000 रुपये मिलने थे, लेकिन सामंत ने उन्हें दूसरी फिल्म के लिए फीस के बदले एक प्लॉट गिफ्ट करने को पूछा. सामंत ने शर्मिला से कहा, 'तुम्हें पैसे देने के बजाय, मैं तुम्हें ज़मीन क्यों नहीं दे देता?’जो अब विले पार्ले है. जिसके जवाब में शर्मिला ने कहा, 'क्या तुम पागल हो? क्या मैं इस दलदल में आकर रहने वाली हूं?'
शर्मिला ने कहा कि उन दिनों वह कई सालों तक मुंबई के ताज होटल में रहती रही क्योंकि उन्हें हाउसकीपिंग की कोई चिंता नहीं थी. टैगोर ने कहा कि कुछ सालों के बाद, उन्होंने अपना पहला अपार्टमेंट 3 लाख रुपये में खरीदा. लेकिन उस समय तीन लाख भी जुटाना उनके लिए कठिन काम था.
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