डायरेक्टर ओम राउत (Om Raut) की फिल्म 'आदिपुरुष' (Adipurush) में विभीषण की भुमिका निभाने वाले एक्टर सिद्धांत कार्निक (Siddhant Karnick) ने तमाम आलोचना के खिलाफ फिल्म का बचाव किया है. उन्होंने बताया कि हिंदू महाकाव्य की कहानी को नई पीढ़ी के साथ जोड़ने के लिए इसे पॉप संस्कृति जोड़ना जरुरी है ताकि अगली पीढ़ी के बच्चों को ये पता चल सके कि हमारे देवता उन काल्पनिक सुपरहीरो से ज्यादा अच्छे हैं.
ईटाइम्स के बात करते हुए सिद्धांत ने कहा कि, 'मैं अपने भतीजों और कुछ दोस्तों को स्पाइडर-मैन और सुपरमैन सुपरहीरो टी-शर्ट पहने देखता हूं जो एक काल्पनिक कैरेक्टर है और यहां हमारे पास सुपरहीरो और पौराणिक देवताओं से भरा अपना इतिहास है जिनकी कहानियां और छवियां अभी भी किताबों में हैं.'
सिद्धांत ने आगे कहा कि, 'हमें पॉप संस्कृति का चतुराई से उपयोग करने की जरुरत है ताकि हम अपने देवताओं की कहानियों को अगली पीढ़ी के बच्चों तक पहुंचा सकें. उन्हें दिखा सकें कि हमारे देवता काल्पनिक सुपरहीरो की तुलना में अधिक शांत और ताकतवर हैं. मैं ये नहीं कह रहा हूं कि हमें पश्चिमी सुपरहीरो से दूर रहना चाहिए लेकिन अब समय आ गया है कि हम अपने देवताओं पर ध्यान केंद्रित करें और इन कहानियों को सुपरहीरो जैसा दिखाएं.'
एक्टर ने बताया कि उन्हें इसका एहसास तब हुआ जब आदिपुरुष के स्क्रीनिंग के दौरान 10 साल के बच्चे को खुशी से नाचते हुए देखा. उन्होंने कहा कि, 'ऐसा लग रहा था जैसे वह अपने जीवन का सबसे अच्छा समय बिता रहा हो और इसने मुझे प्रभावित किया कि यह एक ऐसी फिल्म है जिसे बच्चों को हमारे महाकाव्यों और कहानियों से गहराई से परिचित होने के लिए अवश्य देखना चाहिए.
आपको बता दें कि 'आदिपुरुष' को अपने खराब वीएफएक्स और 'मरेगा बेटे', 'बुआ का बगीचा हैं क्या' और 'जलेगी तेरे बाप की' जैसे विवादास्पद डायलॉग्स के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा. हालांकि फिल्म की टीम ने इसके डायलॉग्स में आलोचना के बाद कई बदलाव किए हैं लेकिन इसके बैद भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पा रही है.
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