फिल्म 'द केरला स्टोरी' (The Kerala Story) को लेकर एक नई अपडेट सामने आई है. 'द केरला स्टोरी' फिल्म पर रोक लगाने से मना करने के केरल हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. साथ ही इसे देश भर में बैन करने की मांग हो रही है. वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जल्द सुनवाई का अनुरोध किया. चीफ जस्टिस ने 15 मई को सुनवाई की बात कही.
इस फिल्म पर पश्चिम बंगाल सरकार के द्वारा बैन लगाने के बाद मामला बढ़ता ही जा रहा है. वहीं मेकर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर तक बंगाल सरकार की ओर से लगी रोक हटाने और तमिलनाडु सरकार से राज्य के सिनेमाघरों को सुरक्षा प्रदान कराने के लिए निर्देश देने की मांग की है.
सोमवार को ममता बनर्जी सरकार ने नफरत और हिंसा की किसी भी घटना से बचने का हवाला देते हुए राज्य में इस फिल्म को दिखाने पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया. इसी के साथ पश्चिम बंगाल वो पहला राज्य है, जिसने इस फिल्म को दिखाने पर रोक लगाई है.
ममता सरकार के फैसले पर आपत्ति जताते हुए फिल्म के निर्माता विपुल शाह ने कहा कि वे टीएमसी सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे. वहीं, फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने हाल ही में कहा कि चार दिन से बंगाल में फिल्म हाउसफुल चल रही थी. तब तो कानून व्यवस्था जैसे कोई हालात पैदा नहीं हुए.
फिल्म के निर्माता विपुल अमृतलाल शाह ने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ कानूनी विकल्प अपनाएंगे. शाह ने कहा कि ‘अगर राज्य सरकार हमारी बात नहीं सुनेगी, तो हम कानूनी रास्ते तलाशेंगे. हालांकि, हम जो भी रास्ता अपनाएंगे, वह कानूनी सलाह पर आधारित होगा.’
क्या हैं फिल्म की कहानी
‘द केरल स्टोरी’ तीन महिलाओं की कहानी है. जिनको शादी के बाद इस्लाम धर्म कबूल करवाने के बाद आईएसआईएस के शिविरों में मानव तस्करी के जरिये भेज दिया जाता है. वहीं भाजपा के शासन वाले मध्य प्रदेश में फिल्म को टैक्स फ्री किए जाने के बावजूद फिल्म को लेकर राजनीतिक हंगामा जारी है.
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