एक्टर और सिंगर पीयूष मिश्रा (Piyush Mishra) ने हाल ही में अपने आत्मकथात्मक उपन्यास 'तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा' (Tumhari Auqaat Kya Hai Piyush Mishra) का विमोचन किया. जहां उन्होंने एक घटना की जिक्र किया, जिसमें उन्होंने बताया कि लगभग 7वीं कक्षा में एक दूर की महिला रिश्तेदार ने उनका यौन शोषण किया था.
पीयूष ने पीटीआई से बात करते हुए आगे कहा कि इस घटना ने उन्हें झकझोर कर रख दिया और जो कुछ हुआ उससे वह हैरान रह गए. आगे कहा कि सेक्स इतनी हेल्दी चीज है कि इसके साथ आपकी पहली मुलाकात अच्छी होनी चाहिए, नहीं तो यह आपको जिंदगी भर के लिए डरा सकता है. उन्होंने कहा कि यौन हमले ने उन्हें एक जटिल बना दिया और इससे उन्हें बाहर आने में काफी समय लगा.
पीयूष मिश्रा की यह किताब ग्वालियर की तंग गलियों से लेकर दिल्ली के सांस्कृतिक केंद्र मंडी हाउस और आखिर में मुंबई तक की उनकी यात्रा की कहानी बताती है. पीयुष ने कहा 'मैं कुछ लोगों की पहचान छुपाना चाहता था. उनमें से कुछ महिलाएं हैं, और कुछ पुरुष जो अब फिल्म उद्योग में अच्छी तरह से स्थापित हैं. मैं किसी से बदला नहीं लेना चाहता था और न ही किसी को चोट पहुंचाना चाहता था.'
इस पुस्तक में, प्रसिद्ध अभिनेता, गायक और संगीतकार संतप त्रिवेदी, या हेमलेट के आत्मकथात्मक चरित्र के माध्यम से अपने जीवन का वर्णन किया गया है. पीयूष मिश्रा ने विशाल भारद्वाज की 'मकबूल' (2004), अनुराग कश्यप की 'गुलाल' (2009) और सबसे विशेष रूप से 2012 में 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' जैसी फिल्मों में एक अभिनेता, गीतकार, गायक, पटकथा लेखक के रूप में अपनी पहचान बनाई. मिश्रा ने 'गुलाल' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' जैसी फिल्मों के लिए गीत लिखा, संगीतबद्ध किया और गाया भी है.
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