फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने उस पाकिस्तानी डॉक्टर की तारीफ की है जिसने संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) की फिल्म 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' (Heeramandi : The Damond Bazaar) की आलोचना की थी. एक्स पर विवेक ने कहा कि बॉलीवुड में तवायफों और वेश्यालयों को रोमांटिक बनाने की ट्रेंड है. उन्होंने क्रिएटिविटी की आजादी पर भी सवाल उठाए.
हम्द नवाज के ट्वीट को शेयर करते हुए, विवेक ने लिखा,'शानदार आलोचना.. मैंने सीरीज नहीं देखी है, लेकिन मैंने कई बार लाहौर के हीरामंडी का दौरा किया है. बॉलीवुड में वेश्याओं और वेश्यालयों को रोमांटिक बनाने का ट्रेंड है. यह एक दुखद टिप्पणी है क्योंकि वेश्यालय कभी भी रईस, ग्लैमर या सुंदरता के स्थान नहीं पर नहीं रही हैं. ये मानवीय अन्याय, दर्द और पीड़ा की यादगार हैं. जो लोग इससे परिचित नहीं हैं उन्हें श्याम बेनेगल की 'मंडी' देखनी चाहिए.'
उन्होंने आगे कहा, 'एक सवाल जो हमें पूछना चाहिए, क्या क्रिएटिविटी हमें मानवीय पीड़ा को ग्लैमराइज़ करने की आजादी देती है? क्या ऐसी फिल्म बनाना ठीक है जहां झुग्गी-झोपड़ी के जीवन को बहुतायत के जीवन के रूप में दर्शाया गया है? क्या झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को ऐसे कपड़े पहने हुए चित्रित करना ठीक है जैसे वह अंबानी की शादी में शामिल हो रहे हैं? कृपया चर्चा करें.'
हाल ही में डॉक्टर और सोशल मीडिया हम्द नवाज ने हीरमंडी को लेकर कहा था कि अभी हीरामंडी देखी. इसमें हीरमंडी के अलावा सब कुछ मिला. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'मेरा मतलब है कि या तो आप अपनी कहानी 1940 के लाहौर में सेट न करें, या यदि आप ऐसा करते हैं तो आप इसे आगरा के परिदृश्य, दिल्ली की उर्दू, लखनवी पोशाक और 1840 के माहौल में सेट न करें। मेरा खेदजनक लाहौरी स्वयं वास्तव में इसे जाने नहीं दे सकता.
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