स्वर कोकिला लता मंगेशकर अब हमारे बीच नहीं रही. करोड़ों दिलों पर राज करने वाली लता दीदी भारत की शान थीं, जिन्हें 'भारत रत्न' और 'दादा साहब फाल्के' समेत कई बड़े पुरस्कारों से नवाजा जा चुका था.
लता मंगेशकर की प्रतिभा को दुनिया ने जाना और विश्व के कई विश्वविद्यालयों ने उन्हें मानक उपाधि से सम्मानित किया. उनका जाना एक बहुत बड़ी क्षति है जिसे पूरा नहीं किया जा सकता, आज हर कोई उन्हें अपने अपने तरीके से याद कर रहा है और श्रंद्धालि दे रहा है.
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ऐसे में हम आपको बता रहे हैं लता मंगेशकर और सुपरस्टार दिलीप कुमार का किस्सा. दिलीप साहब की एक बात से खफा हो गई थीं लता मंगेशकर. कहते है दोनों ने 13 साल एक-दूसरे बात नहीं की थी.
दिग्गज दिलीप कुमार का इंडस्ट्री में दो लोगों के साथ बहुत गहरा रिश्ता था, एक लता मंगेशकर और दूसरा शाहरुख खान. लता उनकी मुंह बोली बहन की तरह हैं तो शाहरुख खान बेटे के समान, लेकिन लता मंगेशकर और दिलीप कुमार के बीच एक दफा ऐसा हुआ कि दोनों ने करीब 13 साल एक दूसरे से बातचीत नहीं थी.
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 1957 में 'मुसाफिर' फिल्म के गाने 'लागी नाहीं छूटे' के वक्त दिलीप कुमार ने लता मंगेशकर पर टिप्पणी की थी कि 'मराठियों की उर्दू बिल्कुल दाल और चावल की तरह होती है.' दिलीप साहब की इस टिप्पणी को सुन लता जी खासा नाराज हुईं और उन्होंने हिंदी और उर्दू सीखने का फैसला कर लिया. कहा जाता है कि इस किस्से के बाद दोनों के बीच ये बेरुखी 13 साल तक खत्म नहीं हुई थी.