Barbie: ग्रेटा गर्विग की फिल्म 'बार्बी' इस वक्त बॉक्स ऑफिस पर एक के बाद एक नया रिकॉर्ड कायम कर रही है. देश विदेश में फिल्म अपनी कामयाबी का परचम लहरा रही है. वर्ल्डवाइड कमाई के मामले में फिल्म ने इसके साथ ही रिलीज हुई हॉलीवुड फिल्म 'ओपेनहाइमर' को पछाड़ दिया है. इतना ही नहीं 'बार्बी' ने टॉम क्रूज की एक्शन एडवेंचर फिल्म 'मिशन इम्पॉसिबल-डेड रेकनिंग पार्ट वन को भी पीछे छोड़ दिया.
हालांकि इतनी कामयाबी के बावजूद भी फिल्म को नेगेटिव रिव्यू मिल रहे हैं. कई सेलिब्रेटी को फिल्म पसंद नहीं आई. टीवी एक्ट्रेस जूही परमार ने तो अपने बच्चों को ये फिल्म न दिखाने तक की अपील कर दी. खैर ये तो रही फिल्म की बात लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि खिलौनों की दुनिया में राज करने वाली बार्बी आखिर कब और कैसे आई? अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं बार्बी के दिलचस्प सफर के बारे में .
9 मार्च 1959 में पहली बार इंटरनेशनल टॉय फेयर में लॉन्च किया गया था. तब से ही इसने खिलौनो की दुनिया में अपना कब्जा जमा लिया. बार्बी को मैटल कंपनी बनाती है जिसकी मालिक थीं रूथ हैंडलर. बार्बी को बनाने का श्रेय भी इन्ही को जाता है. रुथ ने अपनी बेटी बारबरा के नाम पर ही इस डॉल का नाम बार्बी रखा था. दरअसल रुथ को ये डॉल बनाने की प्रेरणा भी बेटी से ही मिली वो अपनी बेटी बारबरा को कागज की गुड़िया से खेलते हुए देखतीं थीं. वो अपनी डॉल को एडल्ट किरदार देती थी.
बस यहीं से उन्हें आइडिया मिला. साल दर साल बार्बी का लुक बदलता रहा. बार्बी को एयर हॉस्टेस्ट से लेकर पायलट और ओलंपिक एथलीट तक के किरदार में दिखाया गया. हालांकि कुछ लोगों ने इस पर एतराज भी जताया इसकी बॉडी शेप को लेकर जहां लोगों ने सवाल उठाए वहीं. ये भी कहा गया कि बच्चों की सोच इस चकाचौंध से मेटेरियलस्टिक हो सकती है. बार्बी की बढ़ती डिमांड के बाद कंपनी ने केन नाम का बार्बी के लिए एक बॉयफ्रेंड भी बनाया हालांकि 2004 में उनका ब्रेकअप हो गया.
साल दर साल बार्बी में बदलाव होता रहा. इसके पचास साल पूरा होने पर इसे नया लुक भी दिया गया. तमाम आलोचना और बदलाव के बाद भी बार्बी की पॉपुलैरिटी में कोई कमी नहीं आई.
रिपोर्ट्स की मानें तो मौजूदा दौर में हर साल करीब 200 से ज्यादा देशों में पांच करोड़ 70 लाख बार्बी की बिक्री होती है.
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