कास्ट: यामी गौतम, नेहा धूपिया, अतुल कुलकर्णी, डिम्पल कपाड़िया, करणवीर शर्मा, माया सराओ
निर्देशक: बहजाद खम्भाटा
स्टार रेटिंग: 3.5
फिल्म 'ए थर्सडे' (A Thursday) के ट्रेलर ने आते ही फैंस में दिल्चस्पी बढ़ा दी थी. ख़ास तौर पर थ्रिलर लवर्स के बीच फिल्म के रिलीज़ का बेसब्री से इंतज़ार हो रहा था. साथ ही इस फिल्म ने 'ए वेडनेसडे' (A Wednesday) की याद ताज़ा कर दी थी और सोने पर सुहागा ये हुआ की खुद मेकर्स ने इस फिल्म को 'स्पिरिचुअल सीक्वल' करार दिया.
चलिए आपको रूबरू कराते है कि इस फिल्म की कहानी से. एक प्ले स्कूल टीचर नैना जायसवाल (Yami Gautam) तीन हफ़्तों की छुट्टियों के बाद काम पर लौटती है और फिर मासूम ज़िन्दगियों को बंदी बना लेती है.
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अब क्या होता है जब वह पिस्तौल तानती है, बच्चों को बंदी बनाती है और अपनी शर्तें रखती है. फिल्म साफ़ तौर पर दर्शकों के सामने ये सवाल रखती है कि आखिर नैना यानी यामी के इस बेतुके व्यवहार के पीछे क्या कारण है?
डायरेक्टर बेहजाद खंबाटा (Behzad Khambata) ने 'सस्पेंस और पेस' फिल्म के अंत तक बनाये रखा है. स्क्रिप्ट की बात करें तो लेखकों ने अपना काम बेहतरीन किया वहीं कलाकार भी अपने प्रदर्शन में खरे उतरे हैं.
बेहजाद की साउंड इंजीनियरिंग का अनुभव भी इस फिल्म में काफी काम आया है. बैकग्राउंड स्कोर तारीफ के काबिल है.
ये कहना गलत नहीं होगा कि यामी गौतम शो स्टीलर रही और एक्टर ने साबित कर दिखाया कि पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त. एक्टर को पहली मर्तबा निगेटिव रोल में देखा गया और कहना होगा उनका अभिनय वाकई तालियों के लायक है. नेहा धूपिया (Neha Dhupia) जो एक पुलिस अफसर (ACP Catherine Alvarez) है अपनी प्रेगनेंसी के दौरान भी अपनी ड्यूटी निभाती नज़र आयीं. असल जिंदगी में भी नेहा फिल्म की शूटिंग के दौरान प्रेग्नेंट थीं और शायद इसने उनके किरदार में जान डाल दी.
अतुल कुलकर्णी (Atul Kulkarni), एक रफ़ एंड टफ पुलिस वाले (super cop Javed Khan) के रोल में नज़र आये है. उनकी और नेहा की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री एक ऐसी जोड़ी है जो सत्ता तक पहुंचने के संघर्ष को दर्शाती है. डिंपल कपाड़िया (Dimple Kapadia), एक स्ट्रांग पीएम के रूप में खरी उतरी हैं.
करणवीर शर्मा (Karanvir Sharma) (criminal lawyer, Rohit Mirchandani) आश्चर्य, सदमे और हताशा के चरणों से गुजरते हुए अपनी छाप छोड़ने में कामियाब रहें.
कुल मिलाकर ये एक ऐसी कहानी है जो इंसान के डार्क साइड और अनप्रेडिक्टेबल घटनाओं को दर्शाती है, खासकर के क्लाइमेक्स, वहां तो सीटी मरना जायज़ है. फिल्म में सेंसिटिविटी से लेकर मेन्टल हेल्थ जैसे कई मुद्दों को दर्शाया गया है.
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