Farmers Protest 2.0: किसान अपने 'दिल्ली चलो' मार्च को फिर से शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. प्रदर्शन स्थल से सामने आए फुटेज में दिख रहा कि प्रदर्शनकारियों को नमक दिया जा रहा है, जो आंसू गैस के कारण होने वाली जलन से राहत देता है. इतना ही नहीं शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पुलिस के आंसू गैस के गोलों से बचाव के लिए मास्क भी पहने हैं. उन्होंने चश्मा लगाया है.
किसानों ने ट्रैक्टरों, कारों और मिनी बसों की सुरक्षा के लिए बुलडोजर भी लाए हैं. इसके साथ ही मिट्टी से भरे प्लास्टिक के थैले भी किसानों ने इकट्ठा कर लिए हैं. किसानों का कहना है कि वह भारी मशीनरी के जरिए सीमेंट से तैयार की भारी बैरीकेडिंग भी तोड़ लेंगे, लेकिन अगर फिर भी जरूरत पड़ी, तो नदी में इन मिट्टी के थैलों को डाल कर एक अस्थायी पुल बनाने का भी प्लान तैयार है, ताकि किसी भी हालत में दिल्ली कूच किया जा सके.
उधर, पुलिस का दावा है कि किसान बैरिकेड तोड़ने के लिए आर्मर-प्लेटेड अर्थमूवर्स का उपयोग करने की भी प्लानिंग कर रहे हैं.
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