Ayodhya: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए तीन मूर्तियों का निर्माण किया गया हैं. एक श्वेत वर्ण की और दो श्याम वर्ग की. इनमें से एक श्याम वर्ग की मूर्ति की स्थापना गर्भगृह में की जाएगी जबकि दूसरी मूर्ति राम मंदिर परिसर में स्थापित की जाएगी. गर्भगृह में जिस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी उसे चल या उत्सव नाम दिया गया है जबकि दूसरी प्रतिमा जिसे राममंदिर परिसर में स्थापित की जाएगी उसे अचल मूर्ति कहा गया है.
राममंदिर के ट्रस्टी युगपुरुष परमानंद ने एक न्यूज एजेंसी को बताया है कि तीनों प्रतिमाएं शानदार हैं और मूर्तिकारों का परिश्रम और चिंतन लाजवाब है. सूत्रों के मुताबिक रामलला की मूर्तियां शिल्पकार गणेश भट्ट सत्यनारायण पांडे और अरुण योगीराज हैं.
अब सवाल ये उठ रहा है कि पुरानी प्रतिमा का क्या होगा? तो आपको बता दें कि वर्तमान में जिस प्रतिमा की पूजा अर्चना की जा रही है, उन्हें भी राममंदिर के गर्भगृह में ही रखी जाएगी. नई प्रतिमा के साथ पुरानी प्रतिमा को भी गर्भगृह में स्थापित की जाएगी. हालांकि पुरानी मूर्ति अपेक्षाकृत छोटी है इसलिए ये भक्तों को दूर से दिखाई नहीं देगी. नई मूर्ति भी यहीं रामलला के बालरूप की ही बनी है, लेकिन इसका आकार बड़ा है.
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