Hathras Stampede: हाथरस के रतिनाभपुर के फुलरई गांव में भोले बाबा के सत्संग के समापन के दौरान मची भगदड़ में करीब 125 लोगों के मौत की खबर है. इसमें महिलाएं और बच्चे ज्यादा है जिन्हें भीड़ ने कुचल दिया. बताया जा रहा है कि इस सत्संग की इजाजत भी प्रशासन से नहीं ली गयी थी. तो चलिए जानते हैं कि आखिर ये भोले बाबा कौन हैं जिन्होने कानून का मखौल उड़ाते हुए मौत का प्रवचन दिया?
भोले बाबा का असली नाम नारायण हरि है. यूपी के एटा के रहने वाले बाबा का कनेक्शन सियासत से है. यूपी के बड़े बड़े नेताओं को उनके मंच पर देखा गया है. यूपी पुलिस में 18 साल तक नौकरी करने के बाद बने बाबा. 90 के दशक में वीआरएस लेकर गांव में झोपड़ी बनाई. बाबा का कहना है कि पुलिस की नौकरी के दौरान आध्यात्म की ओर मुड़े. पहले नाम साकार विश्वहरि रखा फिर बने भोले बाबा. बाबा की अपनी प्राइवेट आर्मी भी है जो काले रंग की पोशाक पहनती है. बाबा खुद भगवा कपड़े नहीं पहनते बल्कि सफेद सूट और जूते पहनते हैं. कई बार सफेद कुर्ता पाजामा और टोपी भी पहनते हैं. बाबा की पत्नी भी समागम में साथ रहती हैं. भोले बाबा खुद जाटव बिरादरी से हैं लेकिन एससी,एसटी, ओबीसी वर्ग में उनकी गहरी पैठ है. कई बड़े बड़े नेता और नौकरशाह उनके दरबार में हाजिरी लगाते हैं