सोमवार को निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोहली और मोनिंदर सिंह पंढेर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तमाम मामलों में बरी कर दिया है. इसके साथ ही सुरेंद्र कोहली को 12 और मनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों में मिली फांसी की सजा भी रद्द कर दी गई है.
साल 2005 और 2006 के दौरान उत्तर प्रदेश के नोएडा के निठारी गांव के पास सेक्टर 31 में उद्योगपति मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोहली पर महिलाओं और बच्चियों के साथ रेप के बाद उनकी हत्या करने और शव के टुकड़े-टुकड़े करके नाले में फेंक देने का आरोप लगा था. इस कांड का पता तब लगा था जब एक शख्स ने सेक्टर 20 थाने में अपनी बेटी के गुमशुदा होने की शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद जब जांच की गई तो निठारी के रहने वाले मोनिंदर सिंह पंढ़ेर की कोठी के पीछे स्थित नाले से कई नरकंकाल बरामद हुए हैं.
मोनिंदर सिंह को दो मामलों में दोषी ठहराया गया था. सुरेंद्र कोहली को गाजियाबाद की विशेष सीबीआई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. कोहली और पंढेर दोनों तब से डासना जेल में बंद थे.
आपको बता दें कि गाजियाबाद की CBI कोर्ट ने सुरेंद्र कोहली और मोनिंदर सिंह पंढेर को फांसी की सजा सुनाई थी लेकिन अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को बदल दिया है. हाईकोर्ट का ये फैसला दोनों दोषियों की 14 अर्जियों पर सुनाया गया है. सुरेंद्र कोहली ने 12 मामलों में दी गई फांस की सजा के खिलाफ अपील की थी जबकि मनिंदर ने दो मामलों में सजा के खिलाफ अर्जी दायर की थी. अदालत ने दोनों को कोई सबूत और गवाह नहीं होने के आधार पर बरी किया है.