Ram mandir Ayodhya: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है. लेकिन इससे पहले लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई. आज हम आपको राम मंदिर के 492 साल के इतिहास के बारे में सिलसिलेवार तरीके से बताने जा रहे हैं.
- साल 1528 में मुगल बादशाह बाबर के सिपहसालार मीर बाकी ने विवादित जगह पर मस्जिद का निर्माण कराया.
- 1853 में इस जगह के आसपास पहली बार दंगे हुए.
- 1949 में मस्जिद में भगवान राम की मूर्तियां मिलने का दावा किया गया.
- 1950 में फैजाबाद सिविल कोर्ट में दो अर्जी दाखिल की गई.
- 1986 में जिला जज ने हिंदुओं को पूजा करने की इजाजत दे दी और ढांचे पर लगे ताले को हटाने का आदेश दिया.
- 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचे को गिरा दिया.
- साल 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित स्थल को सुन्नी वक्फ बोर्ड, रामलला विराजमान और निर्मोही अखाड़ा के बीच 3 बराबर-बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया.
- 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी.
- इसके बाद लगभग एक दशक तक सुलह के कई प्रयास किए गए.
- आखिर में 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया.
- 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर का भूमि पूजन किया. अब 22 जनवरी 2024 को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा.