Gyanvapi मस्जिद परिसर में 'व्यास का तहखाना' में मिली पूजा की इजाजत पर कोर्ट ने रोक नहीं लगाई है बल्कि कहा है कि पूजा और नमाज जैसे चल रहा है वैसे ही चलता रहेगा. दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को अंजुमन इंतजामिया ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि 31 जनवरी के आदेश के चलते नमाज प्रभावित नहीं हुई है.
इस पर सोमवार को सुनवाई हुई. इस दौरान अंजुमन इंतजामिया के वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि निचली अदालत ने आदेश लागू करने के लिए 1 हफ्ते का समय दिया था लेकिन सरकार ने इसे तुरंत लागू कर दिया गया.
ज्ञानवापी मामले पर अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन कहते हैं, ''...वाराणसी जिला न्यायालय में व्यास परिवार द्वारा दायर आवेदन, जिसमें 31 जनवरी 2024 से 'व्यास का तहखाना' में प्रार्थना करने की अनुमति दी गई थी, का इलाहाबाद में विरोध किया गया। HC ने हिंदू पक्ष में फैसला सुनाया। अंजुमन इंतजामिया ने इलाहाबाद HC के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद, SC ने एक नोटिस जारी किया है और हमें 30 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है. SC 'आज की तारीख' की स्थिति बरकरार रखने को भी कहा है... सुप्रीम कोर्ट ने 'व्यास का तहखाना' पर होने वाली प्रार्थनाओं पर कोई रोक नहीं लगाई है'
Sunita Kejriwal: 'इस तानाशाही का जवाब देगी जनता' सीएम केजरीवाल को तिहाड़ भेजे जाने पर बोलीं सुनीता