UP News: हापुड़ की एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को 2018 मॉब लिंचिंग मामले में आरोपी सभी 10 लोगों को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. 2018 में गोहत्या के शक में भीड़ ने कासिम नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या की कर दी थी. मंगलवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी 10 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है साथ ही दोषियों पर 58-58 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (POCSO) श्वेता दीक्षित की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 10 लोगों को गोहत्या की झूठी अफवाह पर 45 वर्षीय कासिम की हत्या और समयदीन (62) पर हमला करने का दोषी ठहराया।
सरकारी वकील विजय चौहान के मुताबिक कोर्ट ने धौलाना के बझैड़ा गांव के राकेश, हरिओम, युधिष्ठिर, रिंकू, करनपाल, मनीष, ललित, सोनू, कप्तान और मांगेराम पर 58-58 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि पीड़ित पक्ष की आरोपियों से कोई दुश्मनी नहीं है और वह सिर्फ न्याय चाहता है. उन्होंने कोर्ट से दोषियों को मौत की सजा न देने का भी अनुरोध किया था.
जून 2018 में भीड़ ने बझैड़ा गांव निवासी कासिम पर प्रतिबंधित जानवर का वध करने का आरोप लगाते हुए पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
गोहत्या की झूठी अफवाह पर समयदीन पर भी हमला किया गया, लेकिन वह बच गया।
चौहान ने कहा, पुलिस ने घटना को मोटरसाइकिल दुर्घटना का एंगल देते हुए झूठी एफआईआर दर्ज की, लेकिन समयदीन के सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद जांच पटरी पर आ गई.
समयदीन ने 2018 में सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी और अदालत ने सुरक्षा प्रदान करने और सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज करने का निर्देश दिया था और आईजी (मेरठ जोन) को जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया था.
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