सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए दो हफ्ते बाद कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के कथित भ्रामक विज्ञापन को लेकर ये आदेश सुनाया है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी योगगुरु रामदेव को नोटिस जारी कर कोर्ट में बुलाया था. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने संस्था के विज्ञापन प्रकाशित करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. दरअसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका फाइल कर कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापन झूठा दावा करने वाले और भ्रामक हैं.
डॉक्टरों के संगठन का कहना है कि बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके डॉक्टरों पर दुष्प्रचार का आरोप लगाया और विज्ञापन भी प्रकाशित करवाया.