Republic Day: 26 जनवरी से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट्स, जो हर भारतीय के लिए जानना है ज़रूरी

Updated : Jan 25, 2024 14:49
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Editorji News Desk

26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस, देश का वो राष्ट्रीय पर्व है जिसे हर भारतीय बड़े गर्व और धूमधाम से मनाता है. 26 जनवरी 1950 भारतीय इतिहास में इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि भारत का संविधान, इसी दिन अस्तित्व मे आया था और भारत इस दिन पूर्ण गणतंत्र देश बना. इस साल देश 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं गणतंत्र दिवस के बारे में कुछ ऐसे रोचक फैक्ट्स जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे.

- गणतंत्र दिवस की पहली परेड 1955 को दिल्ली के राजपथ पर हुई थी

- भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने गवर्नमैंट हाऊस में 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी

- 1955 में पहली बार राजपथ पर हुई परेड में पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद चीफ गेस्ट थे

- पहले गणतंत्र दिवस की परेड तात्कालिक इरविन स्टेडियम जिसका मौजूदा नाम मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम है, वहां आयोजित हुई थी. इसे 15 हज़ार लोगों ने देखा था

- 26 जनवरी, 1950 को गणतंत्र दिवस परेड, राजपथ के बजाय तत्‍कालीन इर्विन स्‍टेडियम में हुई थी. उस वक्‍त इर्विन स्‍टेडियम के चारों तरफ चारदीवारी नहीं थी और उसके पीछे लाल किला साफ नज़र आता था

- गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं और हर साल 21 तोपों की सलामी दी जाती है

- 21 तोपों की ये सलामी राष्ट्रगान की शुरूआत से शुरू होती है और 52 सेकेंड के राष्ट्रगान के खत्म होने के साथ पूरी हो जाती है

- भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसको तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा

- भारतीय संविधान की दो कॉपियां हिन्दी और अंग्रेज़ी में हाथ से लिखकर तैयार की गई थी, जो कि अब संसद की लाइब्रेरी में हैं

- संविधान की हाथ से लिखी कॉपियों को प्रेम बिहारी नारायण नाम के आर्टिस्ट ने लिखा था और ये देहरादून में पब्लिश हुई थीं

- हर साल गणतंत्र दिवस पर किसी दूसरे देश की हस्ती भारत आकर शिरकत करती है. क्या आप जानते हैं कि 26 जनवरी 1950 को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्नो पहले मुख्य अतिथि बने थे

- गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीन तो बजता ही है साथ ही “Abide with Me (मेरे पास रह)” नाम का इंग्लिश सॉन्ग भी निश्चित रूप से बजाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि ये महात्मा गांधी का पसंदीदा गीत था. इस गीत के ज़रिये उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है

- हालांकि 2020 से अब इस गीत को हटाकर इसके स्थान पर भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम को बजाया जा रहा है वहीं इस गीत को गणतंत्र दिवस के समापन समारोह बीटिंग द रिट्रीट में बजाया जाता है

- 29 जनवरी को विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है जिसमें भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के बैंड हिस्सा लेते हैं. ये दिन गणतंत्र दिवस के समारोह के समापन के रूप में मनाया जाता है

Republic day paradeRepublic Day 2022

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