सेना की आज़ादी का जश्न है सेना दिवस, जो हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है. ये दिन निस्वार्थ, पूरी लगन औऱ चौकसी के साथ देश की सेवा करने वाले भारतीय सेना के वीर जवानों को समर्पित है. इस साल देश भर में 74वां सेना दिवस मनाया जा रहा है.
हर साल इस दिन को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में मनाया जाता है. 15 जनवरी 1948 को पहली बार केएम करियप्पा को देश का पहला लेफ्टीनेंट जनरल घोषित किया गया था. इसके पहले ब्रिटिश मूल के फ्रांसिस बूचर इस पद पर थे.
भारतीय सेना दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी सैन्य ताकत है, जिसमें लगभग 1.4 मिलियन सेना के जवान सक्रीय ड्यूटी पर हैं. पूरे देश में सभी सेना कमान के हेडक्वार्टर्स में इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.
सिर्फ देश की सीमा ही नहीं बल्कि, बाढ़ आ जाए तो सेना, आतंकियों से लड़ना हो तो सेना, सरकारी कर्मचारी हड़ताल कर दें तो सेना, पुल टूट जाए तो सेना, चुनाव कराने हों तो सेना, यहां तक कि तीर्थ यात्राओं की सुरक्षा भी सेना के हवाले है. भारतीय सेना हमेशा देश और नागरिकों के लिए पूरे जज़्बे और दमखम के साथ सभी मुश्किलों के खिलाफ खड़ी है.