पीरियड एक नेचुरल प्रोसेस है. इन दिनों महिलाओं को मूड स्विंग्स से लेकर एक्ने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. हालांकि, भारत में आज भी पीरियड्स से जुड़े कई मिथ्स को सच माना जाता है.
पहले के दिनों में पीरियड्स के दौरान अचार छूने से क्यों मना किया जाता था? चलिए जानते हैं इस बारे में.
आपने भी सुना होगा कि पीरियड्स में अचार छूने से खराब हो जाता है, लेकिन क्या आप इसका कारण जानते हैं? पहले के समय में महिलाएं पीरियड्स के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करती थीं, जो बिल्कुल भी सेफ नहीं था. कपड़ा आसानी से ब्लड को अब्जॉर्ब नहीं कर पाता है.
कपड़ा बदलने के बाद हाथ न धोने के कारण अचार छूने से यह खराब हो सकता है. ऐसे में पीरियड्स में अचार न छूने का कारण हाइजीन से जुड़ा हुआ है.
आज के जमाने में इस तरह के नियमों को नहीं माना जाता है. पर पीरियड्स में साफ-सफाई का ध्यान सभी को रखना चाहिए.
एक ही पैड का इस्तेमाल लंबे समय तक नहीं करना चाहिए. डॉक्टर यह सलाह देते हैं कि हर 4-5 घंटे में पैड को बदलना चाहिए. साथ ही, ब्लड फ्लो के हिसाब से पैड बदलने का टाइम अलग-अलग हो सकता है.
पैड या मेंस्ट्रुअल कप बदलने के बाद हाथ जरूर धोएं. अगर आप हैंड वॉश नहीं कर सकते हैं, तो सैनिटाइजर से हाथों को साफ करें.
पीरियड्स में हाइजीन को मेंटेन करने के लिए फेमिनाइन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें. फेमिनाइन प्रोडक्ट्स इंफेक्शन से भी बचाने में मदद करते हैं.
पीरियड्स में बाथ लेना स्किप न करें. नहाते वक्त वेजाइना को अच्छे से साफ करें, ताकि किसी प्रकार का कोई इंफेक्शन न हो.
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