नवरात्रि में कलश यानि घट स्थापना का बेहद खास महत्व होता है, हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, कलश स्थापना मां दुर्गा का आह्वान है और शक्ति की देवी दुर्गा का नवरात्रि से पहले वंदन करना शुभ माना जाता है. ये कलश पूरे 9 दिनों तक रखा जाता है और देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है.
कलश, लाल कपड़े का आसन, मिट्टी का पात्र, जौ, कलश के नीचे रखने के लिए मिट्टी, मौली, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, चावल, अशोक या आम के पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, माता का श्रृंगार
नवरात्रि के पहले दिन सबसे पहले सुबह स्नान कर मंदिर की सफाई करें या फिर ज़मीन पर माता की चौकी लगाएं
सबसे पहले भगवान गणेश जी का नाम लें
मां दुर्गा के नाम की अखंड ज्योति जलाएं और मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालें. उसमें जौ के बीच डालें
कलश पर मौली बांधें और उस पर स्वास्तिक बनाएं
कलश पर कुछ बूंद गंगाजल डालकर उसमें दूब, साबुत सुपारी, अक्षत और कुछ रुपये डालें
अब कलश के ऊपर आम या अशोक 5 पत्ते लगाएं और नारियल को लाल चुनरी में लपेटकर रखें.
अब इस कलश को जौ वाले मिट्टी के पात्र के बीच में रख दें.
अब माता के सामने व्रत का संकल्प लें और व्रत शुरू करें
ॐ आ जिघ्न कलशं मह्यं त्वा विशंतिवन्दवः।
पुनरूर्जा नि वर्तस्व सा नह सहत्रम् धुक्ष्वोरूधारा पयस्वती पुनर्मा विशताद्रयिः।।