अगर आप भारत के मुख्य चार महानगरों (Indian Metro cities) में किसी एक में भी में रहते हैं तो आप जानते ही होंगे कि पॉल्युशन (Pollution in cities) में रहना कैसा होता है. कैसा होता है नीले आसमान का ना दिखना. कैसा लगता है जब एयर क्वालिटी (AQI Index) अक्सर निराशाजनक केटेगरी में आए. फिलहाल भारत के एन्वायरमेंट (Reallity of Indian environment) की हकीकत को वर्ल्ड लेवल पर ले जाता एक इंडेक्स जारी हुआ है. उसमें बिना किसी हेर फेर के भारत ने टॉप किया है लेकिन नीचे से-
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एन्वायरमेंटल परफॉर्मेंस इंडेक्स ने 180 देशों की जलवायु परिवर्तन, एन्वायरमेंटल हेल्थ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए रैंकिंग जारी की जिसमें भारत 180वें पायदान पर है. इस इंडेक्स में डेनमार्क नंबर एक और ब्रिटेन दूसरे और फिनलैंड तीसरी पोजिशन पर है.
रैंकिंग में भारत का साथ देते हुए पड़ोसी देशों में म्यंमार 179वें, वियतनाम 178वें, बांग्लादेश 177वें और पाकिस्तान 176वें पोजिशन पर रहा. अमेरिका को इस लिस्ट में 43वां और चीन को 161वां स्थान मिला है.
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भारत की रैंकिंग पहली बार सबसे निचले पायदान पर है. इसका सबसे मुख्य कारण तेज़ी से गिरती एयर क्वालिटी, बढ़ती ग्रीनहाउस गैसेज़ हैं. रिसर्चर्स का दावा है कि अगर गैसेज़ के एमिशन पर जल्द काम ना किया गया तो 2050 तक चीन और भारत ग्रीन हाउस गैस रिलीज़ करने वाले सबसे बड़े देश होंगे.