Microblading Treatment: घनी और मोटी आईब्रोज़ (Eye brows) चेहरे को बेहद अट्रैक्टिव बनाती हैं और जिन लोगों की आइब्रोज़ पतली और हल्की होती हैं वो इसे मोटा बनाने के लिए कलर पेंसिल का इस्तेमाल करते हैं जिसे अगर सही से ना लगाया जाए तो ये आपके लुक को ख़राब भी कर सकती है. रोज़-रोज़ के इन झंझटों से बचने के लिए इन दिनों माइक्रोब्लेडिंग ट्रीटमेंट ऑप्शन काफी डिमांड में है. इस ट्रीटमेंट को लेने के बाद आपको हर महीने ब्यूटी पार्लर या सैलून जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. चलिये जानते हैं कि ये टेक्नीक है क्या?
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माइक्रोब्लेडिंग एक ख़ास टेकनीक है जिससे आइब्रोज़ को मनचाहा शेप दिया जा सकता है. इसके लिए छोटी-छोटी नीडल और ब्लेड लगी मशीन यूज़ किया जाता है. इस मशीन से स्किन के अंदर नैचुरल हेयर को इंप्लाट किया जाता है. इसके अलावा, डार्क कलर आईब्रो के लिए इससे कलर भी भरा जाता है. इस ट्रीटमेंट के दौरान आपकी आईब्रो पर हल्की-हल्की मालिश की जाती है और उसके बाद इस ट्रीटमेंट का लंबा प्रोसेस चलता है.
माइक्रो ब्लेडिंग एक्सपर्ट्स की मानें तो इस प्रोसेस में थोड़ा दर्द तो होता है लेकिन उतना ही जितना कि थ्रेडिंग या वैक्सिंग में होता है. आपको इस प्रक्रिया के दौरान तेजी से ब्लेड चलने की आवाज तो आएगी लेकिन उस हिसाब से दर्द नहीं होता है, वैसे अगर आपकी स्किन ज़्यादा सेंसटिव है तो आपको दर्द थोड़ा अधिक महसूस होगा.
अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि ये कितने दिनों तक इफेक्टिव रहेगा? अगर आपकी ऑयली स्किन है तो 12 महीने बाद आपको अपनी आईब्रो को सेट करवाने की ज़रूरत हो सकती है और अगर आपकी स्किन नॉर्मल है तो डेढ़ से दो साल तक ये ट्रीटमेंट काम कर सकता है.
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