एजिंग एक नैचुरल प्रोसेस है. बढ़ती उम्र के साथ शरीर की इंटरनल प्रोसेस और मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है- चाहे मांसपेशियों का दर्द हो या वर्कआउट से होने वाली थकान. शरीर की एनर्जी धीरे-धीरे कम होने लगती है. आपके शरीर की थकान आपकी स्किन पर भी दिखती है. समय से पहले अगर आप अपनी उम्र से भी बड़े दिखने लगे हैं तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. इन बदलावों को पूरी तरह खत्म करना मुमकिन नहीं है लेकिन एजिंग को दिखाने वाले इन साइन को कम किया जा सकता है.
प्री मैच्योर एजिंग का पता कैसे करें -
सन स्पॉट या एज स्पॉट- वैसे तो ये स्पॉट चालीस के बाद चेहरे पर दिखते हैं लेकिन कुछ लोगों की स्किन पर समय से पहले दिखने लगते हैं. इसके अलावा हाथ की नसें दिखना, बाल झड़ना, स्किन का ढीला होना, ड्राई स्किन समय से पहले एजिंग को दर्शाते हैं.
प्रीमैच्योर एजिंग की वजह -
स्मोकिंग की आदत, जीन्स और ज़्यादा सूरज की रोशनी प्रीमैच्योर एजिंग को बढ़ाते हैं. इसके अलावा आपकी सोने की आदत, बेकार डाइट और कैफ़ीन, एल्कॉहल का ज्यादा सेवन, स्ट्रेस और आस-पास का एनवायरमेंट आपको समय से पहले बूढ़ा कर सकता है.
क्या इस प्रोसेस को रोका जा सकता है?
एजिंग होना समय के साथ शरीर में हो रहे बदलावों को दिखाता है. आप इसे नहीं रोक सकते. समय के साथ एजिंग होना नैचुरल है इससे घबराएं नहीं. हमारी बॉडी और स्किन पर एजिंग का असर लाइफ़स्टाइल और खान-पान में बदलाव से धीमा हो सकता है. इसके अलावा डॉक्टर से ज़रूर कंसल्ट करें.
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डॉक्टर आपको हर लक्षण के पीछे की ठोस वजह और उसे कैसे रिवर्स किया जा सकता है बता सकते हैं. कई बार चीज़ों को इग्नोर करना और इलाज में देरी स्किन को और डैमेज कर सकता है.