Saree Evolution: सोशल मीडिया फिलहाल जीजी हदीद (Gigi Hadid), ज़ेंडेया (Zendaya) और कई सेलिब्रिटीज़ की फोटोज़ से भरा हुआ है, जो हाल ही में मुंबई में NMACC इवेंट में शामिल हुए थे. जिस चीज़ ने नेटिज़न्स का ध्यान अपनी ओर खींचा वो था इन सेलिब्रिटीज़ का ट्रेडिशनल इंडियन साड़ी (Traditional Indian Saree) पहनना.
यह भी देखें: NMACC Launch: नीता अंबानी के कल्चरल सेंटर लांच इवेंट में सेलिब्रिटीज़ ने लगाया तड़का
साड़ी अब ग्लोबली फेमस होने लगी है तो अब समय आ गया है कि हम इस बारे में बात करें कि कैसे ये आम-सी साड़ी आजकल इतनी ट्रेंडी बन गई है.
साड़ी के जैसे आउटफिट का सबसे पुराना रिकॉर्ड सिंधु घाटी सभ्यता से है, जो उत्तर पश्चिम भारत में 2800 और 1800 ईसा पूर्व के बीच सामने आया. उस समय भारतीय महिलाओं के शील को ढकने के लिए साड़ियों का इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन समय के साथ, जैसे-जैसे फैशन विकसित हुआ, इसको अलग-अलग फ़ैब्रिक से बनाया जाने लगा.
साड़ी को अलग दिखाने के लिए कारीगरों ने महंगे पत्थरों और सोने के धागों का इस्तेमाल करके अपनी क्रिएटिविटी दिखाई. हालांकि, अब 2023 में साड़ियों की परिभाषा फिर से बदल गई और इस बार ये कंफर्ट और स्टाइल को ज़्यादा महत्व देती नज़र आती है.
अब जो ट्रेंड चल रहा है उससे देखा जा देखा जा सकता है कि साड़ियां सिर्फ वृद्ध महिलाओं के लिए नहीं हैं, बल्कि युवा लड़कियां, ऑफिस जाने वाली महिलाएं भी 6-गज की साड़ी के कलेक्शन को अपने वॉर्डरोब में शामिल कर रही हैं.
इसके साथ ही कई ब्रांड्स ने ऐसी साड़ियां बनाना भी शुरू कर दिया है जो हल्की और आसानी से पहनने वाली हैं. साथ ही कंफर्ट और ट्रेडिशन का ये मॉर्डन आइडिया नई पीढ़ी को अट्रैक्ट करने के लिए काफी है.