Sleep Wrinkles: स्लीप रिंकल्स वह फाइन लाइन्स और क्रीज़िज़ होती हैं जो हमारे चेहरे पर सोते वक़्त बन जाते हैं. ये रिंकल्स हमारे फेस की स्किन पर पिलो के प्रेशर के कारण होते हैं जब हम रात को अपने फेस को तकिए पर रख कर सोते हैं. जब तक हम सोते हैं तब तक यह रिंकल्स डेवलप हो जाते हैं और अगर इस पोजीशन को लम्बे समय तक मेन्टेन किया जाये तो ये परमानेंट रिंकल्स बन सकते हैं.
स्लीप रिंकल्स कुछ स्पेसिफिक एरियाज पर ज़्यादा होते हैं जैसे कि माथा, गाल और चीन पर. ये रिंकल्स उन एरियाज पर बन सकते हैं जहां पिलो का प्रेशर ज़्यादा होता है. इसके अलावा अगर कोई साइड पर या फिर पेट के बल सोता है तो स्लीप रिंकल्स डेवलप हो सकते हैं.
इन रिंकल्स से बचने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं जिन्हे फॉलो करके आप अपने फेस पर निशान बनने से रोक सकते हैं. सबसे पहला और जरूरी उपाय है कि आप अपनी स्लीपिंग पोजीशन को बदलें. अगर आप हमेशा एक ही साइड पर सोते हैं तो कोशिश करें की कभी-कभी दूसरी साइड पर भी सोएं या फिर बैक पर सोएं. इससे पिलो के प्रेशर का असर कम होगा और स्लीप रिंकल्स भी कम होंगे.
दूसरा आप सिल्क या सैटन के तकिए के कवर का इस्तेमाल कर सकते हैं. कॉटन पिलोकेस से सिल्क या सैटन पिलोकेस पर सोने से स्किन पर प्रेशर का कम असर होता है और इससे स्लीप रिंकल्स कम होते हैं. सिल्क या सैटन के मटेरियल से बने पिलोकेस को स्किन को ग्लाइड करने में भी मदद मिलती है और इससे क्रीज़ बनने की सम्भावना कम होती है.
साथ ही आप नाईट स्किनकेयर रूटीन में मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल जरूर करें. मॉइस्चराइजर लगाने से स्किन हाइड्रेटेड रहती है और इससे चेहरे पर लाइन्स बनने की सम्भावना कम होती है.
वहीं अगर आपको लगता है कि आपकी स्किन में अब स्लीप रिंकल्स डेवलप हो चुके हैं तो आप डर्मेटोलॉजिस्ट से कंसल्ट करके एंटी-एजिंग क्रीम्स या ट्रीटमेंट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं.
इन सब उपायों को फॉलो करके आप अपने फेस पर स्लीप रिंकल्स को कम कर सकते हैं और एक हेल्दी और यूथफुल स्किन को मेन्टेन कर सकते हैं.
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