Independence Day 2023: नॉन वेजिटेरियन हैं? कौन-सी डिश सबसे ज़्यादा पसंद है? बटर चिकन? (Butter Chicken) अगर हां तो चलिए आज यानि स्वतंत्रता दिवस पर आपको इसके बारे में कुछ दिसचस्प बाते बताते हैं क्योंकि बटर चिकन का इतिहास (History) भारत की आज़ादी से जुड़ा हुआ है.
बटर चिकन का जन्म तंदूरी चिकन की वजह से हुआ था. इसलिए पहले तंदूरी चिकन के बारे में जानते हैं. ये बात है भारत पाकिस्तान के बटवारे से पहले की. तब पेशावर के गोरा बाज़ार में मोखा सिंह लांबा का एक छोटा-सा ढाबा था, और वहां एक शेफ कुंदन लाल गुजराल काम किया करते थे.
एक दिन उन्हें ख़्याल आया कि चलो चिकन के टुकड़ों को दही में मैरिनेट करके तंदूर में डालते हैं. और बस बन गया तंदूरी चिकन. अब कुछ समय बाद मालिक मोखा सिंह की तबियत बिगड़ी तो उन्होंने अपना ढाबा कुंदन लाल गुजराल को बेच दिया.
फिर एक दिन उन्होंने नोटिस किया कि तंदूरी चिकन सीख में लगे-लगे सूख जाता था, तो उन्होंने ग्रेवी बनाई, जिसमें टमाटर, मक्खन, क्रीम और कुछ मसाले मिलाएं. अब इस ग्रेवी में उन्होंने चिकन के पीस डाले और लो बन गया आपका हमारा और सबका फेवरेट बटर चिकन.
अब जब भारत आज़ाद हुआ, भारत पाकिस्तान का बंटवारा हुआ, तब गुजराल अपने परिवार के साथ दिल्ली आ गए और उन्होंने दरियागंज में शुरू किया मोती महल और यहां से उन्होंने लोगों को ख़ूब खिलाया बटर चिकन और तंदूरी चिकन.
यह भी देखें: कैसे हुआ आपकी पंसदीदा बिरयानी का जन्म, दिलचस्प है इसका इतिहास