भारत जहां आधे से ज़्यादा तबके गरीबी रेखा (Poor Indian People) से नीचे जीवन गुजर बसर करते हैं. जहां लोगों को पेट भर खाना भी नसीब (Food Deficiency) नहीं होता है. वहां बढ़ती महंगाई (Inflation) ने लोगों की मुश्किलें और भी बढ़ा दी हैं. ऐसे में इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (IFPI) की एक स्टडी ने आने वाले सालों में आने वाले भयंकर भुखमरी (Hunger) के आंकड़े ज़ारी किए हैं. रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक 23% भारतीय भुखमरी की कगार पर होंगे. अगर क्लाइमेट चेंज (Climate Change) को नहीं रोका गया तो भुखमरी का ये आंकड़ा 9 करोड़ 6 लाख तक भी पहुंच सकता है.
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ग्लोबल फूड पॉलिसी रिपोर्ट 2022 के मुताबिक इंडिया की फूड प्रोडक्शन 2030 तक 16% तक गिर सकती है जिससे 23% तक भुखमरी बढ़ेगी. स्टडी ये भी दावा करती है कि ग्लोबल फूड प्रोडक्शन 2050 तक 60% तक बढ़ने के बावजूद 50 करोड़ लोगों की फूड डिमांड पूरी नहीं हो पाएगी.
ज़्यादा तापमान, बारिश होने के पैटर्न में बदलाव, समुद्री स्तर पर पानी का बढ़ना और बाढ़ सूखा, चक्रवात की वजह से एग्रीकल्चरल प्रोडक्टिविटी और फूड सप्लाई चेन डिस्टर्ब हो रही है.
भारत में बीता अप्रैल 122 सालों में सबसे ज़्यादा गर्म था. 2100 तक हीट वेब्स तीन गुना बढ़ जाएंगी. 2100 तक भारत का औसत तापमान 2.4 से 4.4 डिग्री तक बढ़ने का अनुमान लगाया गया है. जो भारत को भुखमरी की ओर लो जाएगा.