मछली में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हेल्दी बॉडी के लिए ज़रूरी हैं. इसलिए डॉक्टर्स भी मछली खाने की सलाह देते हैं. फिश को अपनी डाइट में शामिल करने से कई हेल्थ बेनेफिट्स मिलते हैं, लेकिन प्रोटीन और न्यूट्रियंट्स के साथ अपनी डाइट को बैलेंस करना जरूरी है. चलिए जानते हैं क्या रोजाना फिश खा सकते हैं?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक कतला, रोहू, तिलपिया और मृगल जैसी मीठे पानी की मछलियां इंडियन डाइट के लिए फायदेमंद है. इन मछलियों को रोजाना खाया जा सकता है. आप चाहें, तो सैल्मन या ट्यूना भी चुन सकते हैं, जो ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, लेकिन इन्हें खाने के बाद आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूट्रिशनिस्ट सोनिया बख्शी ने बताया कि एक व्यक्ति को हफ्ते में 8 से 12 आउंस मछली खानी चाहिए. बता दें कि एक आउंस एक एवरेज पाम का साइज होता है.
साथ ही, यह भी सलाह दी जाती है कि शरीर की जरूरतों के अनुसार मछली को डाइट में शामिल करने से पहले न्यूट्रिशनिस्ट् या हेल्थ केयर एक्सपर्ट से कंसल्ट करना चाहिए.
मछली में प्रोटीन, ओमेगा -3 फैटी एसिड, विटामिन और विटामिन डी, आयोडीन और सेलेनियम जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं. ऐसे में रोजाना मछली खाने से हार्ट हेल्थ, ब्रेन फंक्शन और ओवर ऑल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है.
इस बात का ध्यान रखें कि आप किस टाइप की मछली खाते हैं. स्वोर्ड फिश और किंग मैकेरल जैसी मछलियों में मरक्यूरी का लेवल हाई होता है. इसलिए इस प्रकार की मछली खाने से बचना चाहिए. ब्रेस्टफीडिंग और प्रेग्नेंट वुमेन को इन मछली से परहेज करना चाहिए.
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