Lab Grown Meat: US डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर (US Department of Agriculture) ने दो कंपनियों को लैब में बना हुआ मीट बेचने की अनुमति दे दी है. ये आर्टिफिशियल मीट (artificial meat) होता है जो कि लैब में बनाया जाता है. लैब ग्रोन मीट को मंजूरी देने वाला पहला देश सिंगापुर (Singapore) था और अब दूसरा USA बन गया है.
चलिए जानते हैं आखिर प्लांट बेस्ड (Plant based) और लैब ग्रोन मीट में क्या अंतर है.
लैब ग्रोन मीट बनाने के लिए जानवर की कोशिकाएं या फिर एग (egg) को कई दशक तक डीप फ्रीज़ (deep freeze) किया जाता है. बाद में, उन्हें स्टील के टैंकों में उगाया जाता है जहां उन्हें ऐसे पोषक तत्व दिए जाते हैं जो जानवरों के खाने के समान होते हैं. इसके अलावा, लैब में बनाए हुए मीट के ज़रिये इंसान को एनिमल प्रोटीन मिल पाता है जो प्लांट बेस्ड प्रोटीन से नहीं मिल पाता.
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