Onam 2022: केरल के प्रमुख त्योहारों में से एक ओणम त्योहार की शुरुआत हो चुकी है. 30 अगस्त से शुरू हुआ ये त्योहार 8 सितंबर को समाप्त होगा. मान्यता है कि श्रावण मास के श्रवण नक्षत्र में राजा बलि अपनी प्रजा को देखने धरती पर आते हैं. मलयालम में श्रवण नक्षत्र को ओणम कहते हैं इसी लिए इस पर्व का नाम भी ओणम पड़ गया. वहीं, किसान ये पर्व अच्छी फसल होने और उपज में वृद्धि के लिए मनाते हैं.
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हमारे देश का कोई त्योहार बिना खाने के ज़िक्र के अधूरा होता है और जब बात 10 दिनों के ओणम त्योहार की हो तो आंखों के सामने केले के पत्ते पर परोसी गई दावत ओणम साध्या (Onam Sadhya) तस्वीर आ जाती है.
‘साध्या’ ओणम में परोसी जाने वाली दावत है इसीलिए इसे ओणम साध्या भी कहते हैं. केले के पत्ते पर परोसी जानी वाली ओणम साध्या एक ट्रेडिशनल वेजिटेरियन थाली है जिसमें 26 तरह के व्यंजन परोसे जाते हैं.
केले के पत्ते पर परोसे जाने वाला ओणम साद्या के व्यंजनों की लिस्ट काफी लंबी है. चलिये बताते हैं.
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• पप्पदम (पापड़)
• केले के चिप्स
• शर्करा वरात्ती (गुड़ की चाशनी में लिपटा केले का मीठे चिप्स)
• अचार (इमली, आम और नींबू)
• करी (ओलन, खिचड़ी, वेज स्ट्यू, सांबर, रसम, कूटु करी वगैरह)
• नारियल और दूध में बनी सब्जियां
• दही के साथ बनी कोई सब्जी
• ग्रेवी वाली मिक्स वेज
• यॉगर्ट वाला पाइनपल या करेला
इनके साथ कई सारी चीजें होती हैं जिनमें उबले चावल, चटपटा छाछ शामिल होते हैं
केरल के ओणम साध्या के फाइनल कोर्स में ट्रडिशनल मीठा दिया जाता है जिसमें पयसम (खीर), बोली (खास स्वीट डिश) और पान होता है
'साध्या' का मलयालम में शाब्दिक अर्थ होता है दावत. खास बात ये है कि इस दावत को हाथ से खाया जाता है.