Watermelon Check: गर्मी का मौसम आते ही बाजार में खूब तरबूज़ आने लगता है. लोग बड़े चाव से गर्मियों में तरबूज़ खाते हैं. लेकिन कई बार रसीले लाल दिखने वाले तरबूज़ का ना तो रंग असली होता है और ना ही वो नैचुरल (natural) तरीके से पका होता है.
गर्मियों में तरबूज़ की मांग बढ़ जाती है जिसकी वजह से दुकानदार तरबूज़ को केमिकल (chemical) से पकाते हैं और एरीथ्रोसिन का इस्तेमाल करते हैं. एरीथ्रोसिन खाने की चीज़ों को आर्टीफिशयल तरीके से रंगने वाली सबसे ज़हरीली डाई होती है, जिससे हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है.
तरबूज़ में मिलावट का पता लगाने के लिए FSSAI ने (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) ने तरीके बताएं हैं. फसाई के अनुसाल तरबूज़ की पहचान करने के लिए एक तरबूज़ को दो हिस्सों में काटें और गूदे पर रुई या टिश्यू लगाकर देखें. अगर रुई लाल हो जाए तो इसका मतलब है कि फल में केमिकल डाई की मिलावट की गई है.
गर्मी के मौसम में मिलने वाले इस फल में लगभग 92 फीसदी पानी होता है जो शरीर के हाइड्रेशन को बनाए रखता है. साथ ही ये विटामिन A, C और पोटाशियम से भरपूर होता है जो शरीर को किसी भी तरह के संक्रमण से बचाता है.
विटामिन C आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करता है तो विटामिन A अपनी स्किन को ग्लोइंग और चमकदार बनाता है जबकि पोटाशियम आपके ब्लड शुगर लेवल को कम करता है.
तरबूज में दूसरे फलों की तुलना में अधिक मात्रा में लाइकोपीन एंटीऑक्सीडेंट होता है. ये एंटीऑक्सीडेंट तरबूज को सुंदर लाल रंग तो देता ही है, साथ ही उम्र के साथ होने वाली आंखों की परेशानियां, कैंसर और दिल की बीमारियों के खतरे को भी कम करता है.
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