World Chocolate Day 2022 : चॉकलेट ट्रफल हो या हॉट चॉकलेट से भरा गिलास, चॉकलेट दुनिया भर के लोगों को बहुत पसंद आती है.आपको भी पसंद होगी ? इसलिए 7 July को चॉकलेट डे (chocolate Day) के मौके पर हम आपके लिए लाये हैं चॉकलेट से जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स (Interesting facts about chocolate).
यह भी देखें: Chocolate Day 2022: मूड ठीक करने से लेकर स्ट्रेस कम करने तक जानिये चॉकलेट के अमेजिंग हेल्थ बेनिफिट्स
'चॉकलेट' के इतिहास (History of chocolate) की बात करें तो सबसे पहले इसका ज़िक्र एज़्टेक और माया सभ्यता में मिलेगा. जो सेंट्रल अमेरिका से ताल्लुक रखती हैं. चॉकलेट शब्द सुनकर आज आपका दिमाग भले ही कुछ मीठा और स्वादिष्ट इमैजिन करने लगता हो लेकिन इतिहास में ऐसा कतई नहीं था. सबसे पहले चॉकलेट बनाने वाले लोग मैक्सिको और सेंट्रल अमेरिका के थे और यह चॉकलेट खाने की नहीं बल्कि पीने (Chocolate Drink) की चीज हुआ करती थी. स्वाद में कड़वी होने के कारण अमेरिका के लोग इसे वेनिला, काली मिर्च और दूसरे मसालों के साथ मिलाकर पिया करते थे. उस वक़्त चॉकलेट स्पाइसी हुआ करती थी. इसे मीठा बनाने का श्रेय यूरोप को जाता है, जिसने इसमें से मिर्च को हटाकर शक्कर और दूध का इस्तेमाल करना शुरू किया.
यह भी देखें: Dark Chocolate Benefits: स्वाद में है कड़वा लेकिन सेहत को कई लाजवाब फायदे देता है डार्क चॉकलेट
एज़्टेक सभ्यता के लोगों का मानना था कि कैकाओ बीन्स उन्हें ईश्वर का दिया हुआ तोहफा है इसलिए वो मायान्स की तरह चॉकलेट ड्रिंक्स के तो मज़े लेते ही थे साथ ही कैकाओ बीन्स का इस्तेमाल खाने की चीज़ें और दूसरे सामान खरीदने के लिए भी किया करते थे. क्या आप जानते हैं कि एज़्टेक कल्चर में कैकाओ बीन्स सोने से भी ज़्यादा वैल्युएबल माने जाते थे.
एक और इंटरेस्टिंग बात जानना चाहेंगे? एज़्टेक रूलर मोंटेजुमा सेकंड चॉकलेट का इतना बड़ा दीवाना था कि वो दिन में कई गैलन चॉकलेट पी जाया करता था.
कैकाओ पॉड्स से बीन्स को निकालकर फरमेंट किया जाता है उसके बाद उन्हें सुखाकर और रोस्ट कर तैयार किये जाते हैं कोको बीन्स.अब इन बीन्स के अंदर से कोको निब्स को अलग किया जाता है और उसका लिक्विड तैयार किया जाता है. इस लिक्विड से बनता है कोको पाउडर और चॉकलेट.
यह भी देखें: Breakfast and Chocolate: सुबह उठने के बाद मिल्क चॉकलेट खाने से नहीं बढ़ेगा वज़न: स्टडी
अक्सर चॉकलेट हाथ में आसानी से पिघल जाती है. आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है? ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि चॉकलेट का अपना एक मेल्टिंग पॉइंट होता है जो 86°F और 90°F के बीच होता है और ये टेम्पेरेचर ह्यूमन बॉडी टेम्परेचर से भी कम है. इसलिए चॉकलेट हाथ में लेने पर आसानी से पिघल जाती है.
डिप्रेशन और एंग्जायटी नाम के जर्नल में छपी एक रिसर्च के अनुसार, चॉकलेट खासकर डार्क चॉकलेट डिप्रेशन और एंग्जायटी से लड़ने और इसके सिम्पटम्स को कम करने में आपकी मदद कर सकती है.
अब इस से पहले की आप चॉकलेट बार या केक लेकर उसे खाने बैठ जाएं ये याद रखिये कि स्वादिष्ट और टेम्पटिंग लगने वाली इस चॉकलेट का ज़्यादा सेवन आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है.
और भी देखें: मूड खराब है तो खाएं खूब सारी डार्क चॉकलेट