Teenagers Sleeping At Late: आज कल टीनेजर्स (teenagers) में देर रात तक जागने की आदत (habbit) देखी जा सकती है जिसकी वजह से दिमाग के विकास (brain development) पर असर पड़ता है. एक नई स्टडी (study) के अनुसार, जो देर रात तक जागते हैं उनमें व्यवहार संबंधी समस्याओं का ख़तरा बढ़ जाता है और जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं उनके मस्तिष्क के विकास में देरी होने लगती है.
ये स्टडी द जर्नल ऑफ चाइल्ड साइकोलॉजी एंड साइकियाट्री में पब्लिश हुई थी, जहां रिसर्चस ने पाया है कि देर रात सोने और मस्तिष्क में व्हाइट मैटर के विकास के बीच एक गंभीर संबंध है. यह स्टडी 12 से 19 साल के 209 बच्चों पर की गई.
इस स्टडी के रिज़ल्ट में सामने आया कि 17-19 साल के बच्चे ज़्यादातर देर रात तक जागे रहते हैं. स्टडी के अनुसार जो बच्चे रात में बहुत देर से सोने जाते हैं, उनकी नींद पूरी नहीं होती और उनमें जल्दी सोने वाले बच्चों की तुलना में, भावनात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याओं का ख़तरा अधिक होता है.