Dry Ice: गुरुग्राम के एक रेस्टोरेंट में माउथ फ्रेशनर (Mouth Freshner) खाने की वजह से कुछ लोगों को खून की उल्टियां (Blood Vomit) होने लगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. अब पता चला है कि उन्हें माउथ फ्रेशनर की जगह ड्राई आइस खाई थी. आइये आपको बताते हैं कि ड्राई आइस (Dry Ice) क्या होती है और ये कितनी खतरनाक है.
ड्राई आइस कार्बन डाई ऑक्साइड का ठोस रूप होता है और इसका इस्तेमाल कूलिंग एजेंट के रूप में किया जाता है. आजकल इसका इस्तेमाल मेडिकल से लेकर फूड इंडस्ट्री तक किया जाता है. यह बिलकुल सूखी बर्फ की तरह होती है लेकिन इसे पानी से तैयार नहीं किया जाता.
वहीं ये बर्फ काफी ठंड़ी होती है, जहां घर में पानी से बनी बर्फ का तापमान माइनस 2 से 3 होता है तो ड्राई आइस का तापमान माइनस 80 डिग्री तक पहुंच जाता है. ड्राई आइस नॉर्मल बर्फ की तरह गीली भी नहीं होती. वहीं जैसे नॉर्मल बर्फ तापमान के कम होने पर पानी बन जाती है लेकिन ड्राई आइस तापमान कम होने पर धूआं बनकर उड़ने लगती है.
ड्राई आइस इतनी खतरनाक होती है कि इसे बिना ग्लव्स के छू भी नहीं सकते हैं. अगर ड्राई आइस डाइरेक्ट स्किन कॉन्टेक्ट में आती है तो इससे फ्रॉस्टबाइट हो सकता है. इसके अलावा ड्राई आइस का इस्तेमाल बंद कमरे में नहीं किया जाता, क्योंकि इसके पिघलने से इसमें कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ सकती है जो लोगों के लिए इतनी खतरनाक साबित हो सकती है कि किसी की जान भी जा सकती है.
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