Celiac Disease: आजकल बहुत लोग ग्लूटेन फ्री डायट(Gluten Free Diet) चुनते है, अब आप ये सोच रहे होंगे कि अपने डायट से पेस्ट्री, स्पेगेटी और ब्रेड जैसी चीज़ों से किनारा करने की किसी को ज़रूरत क्यों पड़ सकती है. दरअसल, कुछ लोगों के लिए ये एक विकल्प मात्रा यानि ऑप्शन है लेकिन ये उन लोगों के लिए बहुत ज़रूरी हो जाता है जिसे सिलिएक बीमारी (Celiac Disease) है
Editorji से खास बातचीत में डॉ. गौरी कुलकर्णी ने सिलिएक बीमारी के लक्षण, निदान और उपचार के बारे में जानकारी शेयर की है. लेकिन उससे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर सिलिएक बीमारी होती क्या है.
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सिलिएक एक ऑटो इम्यून बीमारी है. ये पाचन से जुड़ी समस्या है, जिसमें छोटी आंत (small intestine) में सूजन आ जाती है और आंत पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाता है. जब इस बीमारी से पीड़ित कोई शख्स ग्लूटन का सेवन करता है तो शरीर का इम्यून सिस्टम छोटी आंत पर हमला कर उसे नुकसान पहुंचाने लगता है.
पेट में दर्द, सूजन, गैस, मतली, उल्टी, मल की समस्या, लगातार दस्त और कब्ज सीलिएक रोग के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं. इसके अलावा वज़न घटना, थकान, डिप्रेशन या स्ट्रेस, जोड़ों का दर्द, मुंह में छाले, पैरों में झुनझुनी, तंत्रिकाओं को नुकसान जैसे कुछ और लक्षण भी हैं जो इससे जुड़े हैं.
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इस बीमारी की फैमिली हिस्ट्री रखने वाले लोगों को जांच की सलाह दी जाती है. इसके अलावा, मरीज़ और उसके परिवार के हेल्थ रिकॉर्ड्स को मॉनिटर कर और ब्लड टेस्ट, जेनेटिक टेस्ट, बायोप्सी, एंडोस्कोपी जैसे टेस्ट कर इस बीमारी का पता लगाया जाता है.
सीलिएक रोग का कोई सटीक इलाज नहीं है लेकिन डायट से ग्लूटन वाली खाने की चीज़ों को हटाकर इसके लक्षण को कम किया जा सकता है. गेहूं, राई, जौ जैसी चीज़ों में ग्लूटन होता है. एक बार जब आपको पता लग जाए कि आपको ग्लूटन से एलर्जी है तो आपको ग्लूटन फ्री होने के लिए कमिटेड होना बेहद ज़रूरी है और इसके लिए सर्टिफाइड न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लेनी चाहिए. इसके अलावा इससे पीड़ित मरीज़ को छोटी आंत में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए सप्लीमेंट डायट की सलाह भी दी जा सकती है.
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