Rheumatoid Arthritis (RA) : रूमेटॉयड गठिया एक ऑटो-इम्यून डिजीज है, जिसमें इम्यून सिस्टम गलती से शरीर में हेल्दी टिशूज़ पर हमला करती है, जिसकी वजह से दर्द और सूजन जैसी परेशानियां होने गलती है. हाथ, कलाई और घुटने रूमेटॉयड गठिया से प्रभावित सबसे आम जोड़ हैं. इसके अलावा, ये फेफड़े, दिल और आंखों जैसे अंगों में भी समस्याएं पैदा कर सकता है.
रूमेटॉयड गठिया के लक्षण
एक से अधिक जोड़ों में लगातार दर्द, जकड़न और सूजन रूमेटॉयड गठिया के कुछ लक्षणों में से हैं. हाथ, घुटने के जोड़ों, पैरों में दर्द, बुखार, थकान और कमजोरी इसके आम लक्षण हैं.
रूमेटॉयड गठिया के रिस्क फैक्टर
रूमेटॉयड गठिया किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है, हालांकि उम्र बढ़ने के साथ ये और अधिक बढ़ जाता है. ये वयस्कों में 60 के दशक में सबसे कॉमन है और महिलाओं के प्रभावित होने का खतरा अधिक होता है. बीमारी की फैमिली हिस्ट्री होने पर इससे प्रभावित होने का खतरा अधिक हो जाता है. इसके अलावा स्मोकिंग भी रूमेटॉयड गठिया के खतरे को बढ़ा सकता है
रूमेटॉयड गठिया का निदान
शुरुआत के स्टेज में इसका डायग्नोस मुश्किल है. हालांकि, एक डॉक्टर स्थिति का पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट लिख सकता है.
ब्लड टेस्ट: रूमेटॉयड गठिया वाले लोगों में हाई ESR या CRP लेवल शरीर में एक सूजन प्रक्रिया के होने का संकेत दे सकता है.
इमेजिंग परीक्षण- डॉक्टर समय के साथ रूमेटॉयड गठिया के बढ़ने को मॉनिटर करने के लिए एक्सरे कराने की सलाह दे सकते हैं.
रूमेटॉयड गठिया का इलाज
कुछ दवाइयों और सेल्फ-मैनेजमेंट उपायों का इस्तेमाल कर प्रभावी तरीके से इसका इलाज किया जा सकता है. Disease-modifying antirheumatic medicines (DMARD) रोग-संशोधित एंटीरहायमैटिक दवाएं (डीएमएआरडीएस) आमतौर पर आरए के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है. ये रोग के लंबे समय तक रहने को कम करते हैं.