पाचन से जुड़ी परेशानी हो, सिरदर्द हो या फिर जोड़ों का दर्द हो...शरीर में होने वाली इन परेशानियों के लिए ग्लूटेन को ज़िम्मेदार ठहराया जाता रहा है, लेकिन हाल ही में हुई स्टडी ने इसे मिथक को खारिज कर दिया है.
अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में छपी रिसर्च के मुताबिक, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) के लक्षणों पर ग्लूटेन का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है. रिसर्चर्स ने ये भी पाया है कि ग्लूटेन रिएक्शन के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में उनके ब्लड टाइप और उनकी पुरानी बीमारियों के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं.
यह भी देखें: क्या है 'ग्लूटन फ्री' डाइट? जानिये इसके बारे में सब कुछ
स्टडी के लिए, टीम ने 9 महीने की अवधि में IBS वाले 100 से अधिक प्रतिभागियों की जांच की. उन्होंने ग्लूटेन सेवन और डायट की FODMAP सामग्री को ट्रैक किया, FODMAP कार्बोहाइड्रेट्स का एक ग्रुप है जिसे छोटी आंत के लिए पचाना मुश्किल होता है.
निष्कर्ष में पाया गया कि हाई FODMAP सामग्री ग्लूटेन की तुलना में IBS के अधिक गंभीर लक्षणों से जुड़ी हुई थी. स्टडी के ऑथर का निष्कर्ष है कि ग्लूटेन खाने और IBS के लक्षणों के बीच कोई महत्वपूर्ण संबंध नहीं है.
यह भी देखें: पेट फूलने या ब्लोटिंग से परेशान? खाने-पीने की ये आदतें हो सकती हैं जिम्मेदार